जमशेदपुर । सिविल कोर्ट जमशेदपुर में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में मामलों के निष्पादन एवं राजस्व वसूली का रिकार्ड बना. न्यायिक पदाधिकारियों की कूल 13 बेंचों ने रिकार्ड 27129 मामलों का निपटारा किया. जिसमें कुल 24 करोड़, 69 लाख, 19 हजार, 337 रुपये की वसूली की गई. इस वर्ष यह दूसरी बार नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई थी. पहली बार 12 मार्च को नेशनल लोक अदालत लगी थी. 14 मई को आयोजित नेशनल लोक अदालत आज शनिवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई में आये मुवक्किलों तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की. उन्होंने बताया कि आज पूरे देश की अदालतों में नेशनल लोक अदालत का आय़ोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत में कुल 38525 मामले पहुंचे. जिनमें 27129 मामलों का ही निपटारा किया गया. जिनमें प्रीलिटीगेशन स्तर के 27285 मामले न्यायिक पदाधिकारियों की बेंच में प्रस्तुत किए गए, जिनमें 18698 का निपटारा किया गया. जिससे 20 करोड़, 13 लाख, 54 हजार 188 रुपये प्राप्त हुए.
अदालतों में विचाराधीन 8431 मामले निपटाए गए
इसी तरह विभिन्न अदालत में विचाराधीन बिजली एवं पानी विवाद, पारिवारिक विवाद से जुड़े मामले, मोटर दुर्घटना एवं इश्योरेंश क्लेम से जुड़े मामले, वैसे क्रिमिनल केस जो कंपाउंडेबल थे, फॉरेस्ट विवाद, उत्पाद विभाग, श्रम विभाग, राजस्व विभाग, चेक बाउंस से जुड़े मामले, पुलिस केस, धारा 107 तथा 144 से जुड़े मामले, सर्टिफिकेट केस से जुड़े कुल 11240 मामले बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए आए. जिनमें 8431 का निपटारा किया गया. इन मामलों के निपटारे से 4 करोड़, 55 लाख, 65 हजार 149 रुपये की वसूली की गई.
उद्घाटन के मौके पर यह थे मौजूद
फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अमितेश लाल, झारखंड स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, जमशेदपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबष्ट, डालसा के सचिव एनएन सांगा सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, पीएलवी आदि मौजूद थे.
लोक अदालत त्वरित न्याय पाने का उचित माध्यम
इससे पहले दीप जलाकर लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया. सुनवाई में शामिल होने आए मुवक्किलों ने दीप जलाकर इसका उद्घाटन किया. मौके पर मौजूद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि लोक अदालत त्वरित न्याय पाने का उचित माध्यम है. इसमें किसी पक्ष की हार अथवा जीत नहीं होती है. दोनों पक्ष आपस में बैठकर मामले में समझौता करते हैं. जिसके बाद मुकदमे का निपटारा किया जाता है. उन्होंने लोगों से छोटे-मोटे विवाद जो अदालतों में विचाराधीन हैं. अथवा पब्लिक यूटिलिटि या प्री लिटिगेशन से जुड़े मामले लोक अदालत के माध्यम से हल करने की अपील की. कार्यक्रम में फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अमितेश लाल, झारखंड स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, जमशेदपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबष्ट, डालसा के सचिव एन एन सांगा सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, पीएलवी आदि मौजूद थे.
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