JAMSHEDPUR TODAY NEWS:टाटा स्टील फाउंडेशन चाडिल में खुलेगा तीसरा आईटीआई

टाटा स्टील फाउंडेशन ने युवाओं के कौशल विकास के लिए झारखंड सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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चांडिल में तीसरा आईटीआई स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर
रांची, 6 अप्रैल, 2022: झारखंड राज्य से अधिक से अधिक युवा प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने आज झारखंड सरकार के साथ झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना के लिए एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए।
सौरव रॉय, चीफ, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, टाटा स्टील और सत्यानंद भोक्ता, माननीय मंत्री, श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार ने प्रवीण कुमार टोप्पो, सचिव, श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार, डॉ नेहा अरोड़ा, निदेशक, रोजगार और प्रशिक्षण, झारखंड सरकार और कैप्टन अमिताभ, हेड, स्किल डेवेलपमेंट, टाटा स्टील की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
युवाओं को उद्योग के लिए तैयार करने के लिए टाटा स्टील की प्रतिबद्धता के बारे में बात करते हुए, टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाईस प्रेसिडेंट, चाणक्य चौधरी ने कहा: “टीएसएफ झारखंड और ओडिशा में हमारे परिचालन क्षेत्रों से युवाओं के कौशल विकास की दिशा में काम कर रहा है। झारखंड के युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाने के हमारे मिशन में, हमें झारखंड में अपना तीसरा आईटीआई का संचालन शुरू करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हम इसे एक विश्व स्तरीय कौशल संस्थान बनाना चाहते हैं जो राज्य के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के अलावा छात्रवृत्ति और कई अन्य आउटरीच योजनाओं के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।
श्री चौधरी ने कहा कि “जिन दो आईटीआई का संचालन फाउंडेशन कर रहा है, वह विदेशों सहित उत्कृष्ट प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड का साक्षी है, जिनमें राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कुछ अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं और यह छात्रों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी एक सार्थक अनुभव प्रदान करता है।”
सौरव रॉय, चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील ने कहा कि टीएसएफ का ध्यान विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समुदायों तक पहुंचने पर होगा, जहां युवाओं को विशेष कौशल, सही ज्ञान और उन्हें आत्मसात करने की जानकारी मिलती है। यह कौशल विकास के महत्वपूर्ण रोडमैप में अगला कदम भी है जिसकी परिकल्पना फाउंडेशन ने झारखंड राज्य के लिए की है। टीएसएफ राज्य भर में इन पहलों को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम करने को इच्छुक है।
चांडिल में स्थापित किया जाने वाला आईटीआई तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में 100 छात्रों की प्रारंभिक क्षमता के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगा और 2023 शैक्षणिक सत्र से संचालित होगा। यह दो साल की अवधि के साथ इलेक्ट्रिकल, फिटर, टर्नर और वेल्डर जैसे विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा और इसका उद्देश्य एक ऐसे मंच का निर्माण करना है जहां स्थानीय युवा रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें और अपने परिवार की आमदनी में महत्वपूर्ण योगदान देने के सपने को पूरा कर सकें।
चांडिल और उसके आसपास के क्षेत्रों में आदिवासी लोगों की महत्वपूर्ण आबादी है, जिनमें से कई शारीरिक रूप से अलग-थलग हैं, दूरदराज के पहाड़ी और जंगली इलाकों में बसे हैं, जहाँ पहुँचना असुविधाजनक है और ज्यादातर लोग जीवन यापन के लिए खेती करते हैं, जो अक्सर वन उपज पर निर्भर होते हैं। यहां स्थापित किए जाने वाले आईटीआई का उद्देश्य विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण सहायता के माध्यम से युवाओं को पोषण, तरक्की और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता कौशल बल और सहायता प्रदान करना है। यह लड़कियों के मन में तकनीकी क्षेत्र में करियर तलाशने की आकांक्षा पैदा करने की दिशा में भी काम करेगा और अपने परिवारों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा।
समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, टीएसएफ हमेशा ग्रामीण युवाओं को बेहतर रोजगार के लिए कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए प्रयासरत रहा है। वर्तमान में झारखंड में टीएसएफ द्वारा प्रबंधित दो संस्थानों आईटीआई तामाड़ और आईटीआई जगन्नाथपुर दोनों संस्थानों का प्लेसमेंट अच्छा रहा है। छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के बाद प्रति वर्ष 1-2 लाख रुपये के बीच प्रारंभिक वेतन के साथ झारखंड सहित अन्य राज्यों में संचालित उद्योगों में नौकरी की जाती है। संस्थानों ने सुजुकी मोटर्स, हिंडाल्को, क्योसेरा, जैमीपॉल , आरकेएफएल, ब्रेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड आदि जैसे प्रमुख नियोक्ताओं के साथ 100 प्रतिशत उत्तीर्ण और रोजगार रिकॉर्ड बरक़रार रखा है। कुछ छात्रों को हांगकांग की कंपनियों में भी नौकरी मिली है और उन्हें अच्छा वेतन मिल रहा है।

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