शांतनु चक्रवर्ती ।
धनबाद।
देश में कोयले के खपत को पुरा करने के लिए सलाना 123.09 मिलियन टन कोयले का आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों से आयात किया जाता है, जिसमें देश को एक बड़ा धन व्यय करना पड़ता है। इस व्यय को रोकने के लिए देश के अंदर मौजूदा कोयले के उत्पादन को बढ़ाना और विदेशों से कोयले के आयात को कम करना जरूरी है।
अगर देश के अंदर हो रहे मौजूदा कोयले के उत्पादन को समुचित बढ़ाया जा सके तो कोयले के आयात को बंद भी किया जा सकता है जो देश हित में होगा।
इस विषय पर मंथन करने के बाद देश के कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों को कोयले का उत्पादन साल 2024-25 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया है।
धनबाद स्थित बी सी सी एल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड ) को भी इसके तहत तीन सालों के अंदर 45 मिलियन टन सालाना कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया है।
इस बाबत बी सी सी एल के CMD समीरन दत्ता का कहना है कि मुश्किलों और बाधाओं के वावजूद बी सी सी एल द्वारा टारगेट के अनुरूप कोयला उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।
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