मधुबनी
मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार पर हमला। घोघरडीहा पुलिस के थाना प्रभारी एवं एक अन्य अधिकारी ने की हमले की कोशिश।
घटना वृहस्पतिवार दोपहर तकरीबन 2.15 बजे के बाद है, जहाँ घोघरडीहा थानाप्रभारी को झंझारपुर कोर्ट में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने सम्मन कर कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। झंझारपुर कोर्ट के वरीय अधिवक्ता बलराम साहू और अरुण कुमार झा के अनुसार एकाएक वे दोनों पुलिस वाले कोर्ट में बने कार्यालय वाले कक्ष में घुसे और एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ गाली-गलौज करने लगे। दोनो पुलिस वालों की उनके नेम प्लेट के अनुसार घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण यादव और सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार सिंह के रूप में पहचान हुई। पुलिस वाले जज साहेब को कह रहे थे कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गयी कि तुम हमें बुलाते हो? तुम्हारा पावर सीज हो गया है और तुम बेवजह सबको परेशान करते रहते हो। तुमको हम कुछ नही मानते हैं और ये कहते हुए अभिमन्यु कुमार सिंह ने जज पर हमला बोल दिया और लप्पड़-थप्पड़ चलाने लगा। जबकि घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण यादव लगातार अभद्र गाली दे रहे थे। वे कह रहे थे कि तुमने एसपी साहेब को भी नोटिस कर परेशान किया है आज तुम्हारा सब एडीजे निकाल देंगे। साथ ही घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल प्रसाद यादव ने एडीजे प्रथम पर पिस्तौल तान रखा था और सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार सिंह भी लगातार गाली दे रहे थे।
इस बीच जब बाहर से वकील अंदर आये तो वो भी जज साहेब को बचाने की कोशिश करने लगे और उनके साथ भी मारपीट की गई। तब तक जज साहब का अनुसेवक चंदन मार खाते रहने के बाद भी पिस्तौल छीनने में कामयाब हुआ। उसके बाद दोनों पुलिस वालों को पकड़ लिया गया। घटना के बाद जज अविनाश थड़-थड़ काँप रहे थे, अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें सुरक्षित किया। जिसके बाद घटनास्थल पर डीएसपी और अन्य पदाधिकारी भी आये। हमले के बाद एडीजे प्रथम की जान सुरक्षित हैं लेकिन झंझारपुर कोर्ट के वकील पुलिस द्वारा किये गए इस व्यवहार से पुलिस से सुरक्षा की माँग कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोर्ट के अनोखे फैसले के लिए जाने जाते थे एडीजे अविनाश कुमार। हालाँकि उनके अनोखे फैसले देने के बाद पटना हाइकोर्ट ने तत्काल उनके बेल देने पर रोक लगा दिया है। उन्होंने मधुबनी एसपी सहित कई पर कानून की जानकारी न होने सहित कई अन्य पर की थी टीप्पणी। घटना के बाद वरीय पुलिस पदाधिकारी कैम्प कर रहे हैं और घटना में प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रकिया चल रही रही। वहीं मधुबनी एसपी ने पूरे घटना पर समाचार लिखे जाने तक कुछ भी नही कहा है।
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