JAMSHEDPUR
लेडी नवाजबाई टाटा का जन्म 23 सितंबर, 1877 को हुआ था। वह परोपकारी ‘सेट्ट’ परिवार से थीं। 1890 के दशक के अंत में नवाजबाई का विवाह सर रतन टाटा (जमशेदजी एन टाटा के छोटे बेटे) से हुई।
लेडी नवाजबाई टाटा को 1924 में टाटा संस के बोर्ड में निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। वे 20 अगस्त, 1965 को अपने निधन तक इस पद पर रहीं। टाटा संस के बोर्ड में निदेशक के रूप में नियुक्त होने वाली वह पहली महिला थीं।
सर रतन टाटा और लेडी नवाजबाई टाटा फाइन आर्ट (ललित कला) के पारखी थे और उन्होंने दुनिया भर में अपनी यात्रा के माध्यम से जेड, पेंटिंग और अन्य कलाकृतियों का एक बहुमूल्य संग्रह एकत्र किया। सर रतन टाटा की मृत्यु के बाद लेडी नवाजबाई ने उनकी संपत्ति की देखरेख की। 1928 में, उन्होंने सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य परोपकार के रूप में दान देने के बजाय गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार प्रदान करना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना था।
टाटा स्टील ने लेडी नवाजबाई टाटा को उनकी 144वीं जयंती पर याद किया!
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