संवाददाता जामताड़ा
जिला प्रशासन के स्वच्छता अभियान ने गरीबो के मुह से निवाला छीन लिया है. जामताड़ा में इनदिनों सफाई का मुहीम चला हुआ है. प्रशासन स्वच्छ भारत अभियान चला रही है जिसमे गन्दगी तो साफ़ हो रही है लेकिन गरीबो का रोजी-रोटी बंद होने के कगार पर आ गया है. आलम यह है कि पुराने कोर्ट परिसर से दुकानों को हटाया जा रहा है.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर, कार्यालय, मुहल्लों और गलियों कि सफाईतक तो सही है लेकिन ऐसी सफाई किस काम कि जो गरीबो का परिवार उजड़ने के लिए हो. कोर्ट परिसर में वर्षों से ये दूकानदार दुकान चलाकर अपने और परिवार का भरण पोषण कर रहे है. लेकिन अचानक इन दुकानदारों को सरकारी नोटिश पकड़ा दिया गया. साथ ही दुकान हटाने का सरकारी फरमान सुना दिया गया. न तो नया जगह मिला रोजी-रोजगार के लिए और न कोई आश्वासन.
कोर्ट परिसर के ये दूकानदार चाय, पकौड़े, स्टेशनरी आदि बेचकर अपनी आजीविका चला रहे थे. अब इनकी हालत ऐसी बन गई है कि करे तो क्या करे. दुकान नहीं हटाया तो मुश्किल हटाया तो मुश्किल. रविवार को दूकानदारों ने अपना बोरिय बिस्तर समेटना शुरू कर दिया.
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