जमशेदपुर -राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद प्रशासन सक्रिय, जिला शिक्षा अधीक्षक ने तारापोर स्कूल प्रबंधन को किया तलब

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● बकाया फ़ीस के लिए बच्चों की पढ़ाई रोकने के मामले में गुरुवार को जमशेदपुर शिक्षा विभाग में त्रिपक्षीय वार्ता संभव

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जमशेदपुर के एग्रिको स्थित जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन द्वारा बकाया फ़ीस नहीं चुका पाने पर दो नौनिहालों को पढ़ाई बंद करने का मामला तूल पकड़ चुका है। मामले में शिक्षा सत्याग्रह संस्था के ट्वीट के बाद समर्थन में अभिभावकों और विभिन्न संस्थानों ने समर्थन का ऐलान किया। लोगों में तारापोर स्कूल प्रबंधन के अमानवीय रवैये और मनमानी के ख़िलाफ़ नाराज़गी है। सोशल मीडिया पर स्कूल प्रबंधन को जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है। मंगलवार को इस मामले में बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक अंकित आनंद ने सूबे के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित डीजीपी को ट्वीट कर न्यायसंगत कार्रवाई का आग्रह किया था। देर रात पुलिस मुख्यालय ने मामले में संज्ञान लिया। ट्विटर पर ही झारखंड पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में जमशेदपुर के उपायुक्त और एसएसपी को स्कूल प्रबंधन के ख़िलाफ़ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। मामले में अब जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। शिक्षा सत्याग्रह ने इस मामले को अमानवीय, उत्पीड़न की पराकाष्ठा और बाल अधिकारों का हनन बताया है। माँग किया था कि लॉकडाउन के बीच बच्चों को फ़ीस के लिए ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और शिक्षा के मौलिक अधिकार की अवमानना है। इस मामले में अभिभावक की लिखित शिकायत पर एफआईआर सम्भव है। हालांकि मामले में विरोध तेज़ होता देख और शिक्षा सत्याग्रह संस्था द्वारा गुरुवार को भिक्षाटन कर फ़ीस जुटाने के ऐलान के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने इस प्रकरण में स्कूल प्रबंधन को तलब किया है। डीएसई विनीत कुमार ने गुरुवार सुबह स्कूल प्रबंधन को कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा है। वहीं अभिभावक के आग्रह पर शिकायत करने वाले शिक्षा सत्याग्रह के प्रतिनिधियों को भी शिक्षा विभाग से बुलावा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जिला शिक्षा अधीक्षक बच्चों के भविष्य और अभिभावक की वित्तीय कठिनाई को देखते हुए त्रिपक्षीय वार्ता के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास करेंगे ताकि ‘भिक्षाटन’ आंदोलन को टाला जा सके। इधर शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक सदस्य अप्पू तिवारी ने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक के पहल का वे स्वागत करते हैं। प्राकृतिक और नैसर्गिक न्याय का यह नियम है कि सामने पक्ष को एक अवसर दिया जाये। वार्ता के शर्तों पर यदि बच्चों के पिता सहमत होंगे तो शिक्षा सत्याग्रह को कोई ऐतराज नहीं है। कहा कि स्कूल प्रबंधन इस मामले में यदि संवेदनशील होती तो अनायास ऐसे विरोध टाले जा सकते थें। शिक्षा सत्याग्रह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन यदि अभिभावक को राहत देगी तो उस निर्णय का स्वागत होगा अन्यथा डीएसई कार्यालय से ही निर्धारित भिक्षाटन कार्यक्रम की शुरुआत होगी।

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