जिले में आयोजित शिविर में आज 72300 लाभुकों के बीच 37.75 करोड़ की परिसंपत्ति वितरीत जमशेदपुर । जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को धालभूम क्लब में आयोजित विधिक सेवा सशक्तिकरण शिविर में शहरी क्षेत्र के 34428 लाभूकों के बीच 32.68 करोड़ की परिसंपति वितरित की गई. जबकि प्रखंडों में आयोजित शिविर में 37872 लोगों के बीच 4.49 करोड़ की संपति वितरित की गई. इस तरह पूरे जिले में 72300 लोगों के बीच कूल 37.75 करोड़ की परिसंपतियां वितरित कर एक रिकार्ड कायम किया गया. धालभूम क्लब में आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह मौजूद थे. इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि उन्हें गर्व हो रहा है कि लगातार तीसरे वर्ष इस जगह पर यह कार्यक्रम हो रहा है. उन्होंने कहा कि न्याय सिर्फ न्यायालय तक सीमित नहीं है. घर से शुरू करें तो घर के प्रत्येक सदस्य के प्रति एक कर्तव्य निहित है. अगर उसे पूरा करें तो आप घर में न्याय करते हैं. न्याय की भावना आपके अंदर होती है तो आप किसी का हक नहीं छिनते, सम्मान जरूर देते हैं. जो भी कार्य कर रहे हैं उसे निपुणता से करे. समाज और राष्ट्र सर्वोपरी होना चाहिए. न्यायमूर्ति ने कहा कि एक प्रांगण में सभी विभागों के स्टॉल लगाकर योजनाओं का लाभ योग्य लाभुकों तक पहुंचाने की ये काफी सार्थक पहल है. जिसका उद्देश्य वंचितों को न्याय है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका सभी का कर्तव्य है कि आम जनमानस के जीवन में समृद्धि लाएं, लोगों को न्याय मिले, योजनाओं का लाभ मिले. उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण शिविर का फायदा यह है कि यहां मिशन मोड में काम होता है. मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश मनोज प्रसाद ने कहा कि योग्य लाभुकों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे इस उद्देश्य से शिविर का आयोजन किया गया है. हमारी कोशिश है कि आम जनता और न्यायपालिका के बीच दूरी कम हो. सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ योग्य लाभुकों को ही मिले यह भी न्याय है. अधिकाधिक लोगों के हित के लिए एवं अधिकाधिक लोगों को खुशी देने के उद्देश्य से शिविर का आयोजन किया गया है. पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने कहा कि सशक्तिकरण शिविर का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों, श्रमिकों, विधवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं समाज के अति पिछड़े वर्ग के लोगों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना तथा योजनाओं का लाभ दिलाना है. इस शिविर में विधिक सहायता सहित सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पीडि़त, प्रभावित एवं योग्य लाभुकों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना है. उपायुक्त ने संक्षेप में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल के बारे में बताया तथा उनके कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम को झारखंड राज्य बार काउंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश शुक्ल एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री लाला अजीत कुमार अम्बष्ठ ने भी संबोधित किया. पुलिस अधीक्षक नगर सुभाष चंद्र जाट द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया. इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी, न्यायपालिका के पदाधिकारी तथा अन्य उपस्थित रहे. इन विभागों के लगे थे स्टॉल मुख्य रूप से जिला मत्स्य कार्यालय, ग्रामीण विकास अभिकरण, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, बैंक, आपूर्ति विभाग, दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र, स्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण, आत्मा कार्यालय, जिला समाज कल्याण, सामाजिक सुरक्षा व अन्य विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए थे. कौशल विकास को मिला बेहतर स्टॉल का पुरस्कार कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं पदाधिकारियों द्वारा चयनित लाभुकों के बीच परिसम्पतियों का वितरण किया गया तथा स्टॉल का भी निरीक्षण किया गया. मुख्य अतिथि द्वारा बेहतर स्टॉल का चयन कर संबंधित को सम्मानित किया गया. जिसमें प्रथम स्थान पर कौशल विकास, द्वितीय घाघीडीह जेल का स्टॉल एवं तृतीय स्थान पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को चुना गया.
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