सुपौल -छठे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली यात्रा कार्यक्रम के तहतपिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत के सखुआ गांव पहुंचे
सतीश कुमार आलोक/मिथिलेश कुमार/सुपौल
छठे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली यात्रा कार्यक्रम के तहत आज रविवार को पिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत के सखुआ गांव पहुंचे। जहां जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत जीर्णोद्धार कराए गये राजा पोखर का सौंदर्यीकरण, पाथ वे निर्माण, चबूतरा निर्माण एवं तालाब के चारों ओर कराए गये वृक्षारोपण का अवलोकन किया। इसके अलावा चौर चंवर का विकास कर किये जा रहे मत्स्य पालन तथा वृक्षारोपण का भी अवलोकन किया। पिपरा प्रखंड के दिनपट्टी पंचायत के सखुआ में आयोजित जागरूकता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बिहार में विकास के हर मॉडल को केंद्र और अन्य राज्य लागू करने लगे हैं।हर घर बिजली योजना हो या शौचालय या फिर हर घर नल का जल। केंद्र और दूसरे राज्यों की सरकारों ने नाम बदल कर इन योजनाओं को लागू किया। जिले में विकास की 153 योजनाओं का शिलान्यास और 88 योजनाओं का उद्घाटन के दौरान सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज बिहार नहीं देश और दुनिया की जरूरत है। 2018 में बिहार में पड़े भीषण सूखा और लगातार गिर रहे भूजल स्तर के बाद ही योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जल और हरियाली रहेगी तभी जीवन रहेगा।उन्होंने कहा कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिक राशि मुहैया कर रही है जिससे आमदनी का स्रोत बढेगी ।इस दौरान मुख्यमंत्री ने बायोफ्लेक्स सिस्टम यूनिट का फीता काटकर उदघाटन किया ।सीएम ने विभगिया सचिब और अधिकारी के साथ 40 एकड़ में बने पोखर का निरीक्षण किया और साथ ही डीएम महेंद्र कुमार को निर्देश दिया कि इसे सौ एकड़ में विकसित करने की दिशा में पहल होनी चाहिए ताकि मतस्य के व्यापक पैमाने पर उत्पादन के साथ लोगों को रोजगार के भी साधन उपलब्ध हो सके ।करीब 20 मिनट तक ओम साईं एक्वा फॉर्म पर निरीक्षण के दौरान सीएम को फॉर्म के संचालक मुनीन्द्र और सुनींद्र झा ने पाग और दुपट्टा से सम्मानित किया इस मौके पर पोखर निर्माणकर्ता मुनींद्र झा एवं सूनिंद्र झा दोनों भाई ने मुख्यमंत्री को पाग चादर माला देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ में सांसद दिलेश्वर कामत, डीएम महेंद्र कुमार, आरक्षी अधीक्षक मनोज कुमार एवं प्रधान सचिव सहित मतस्य विभाग और कृषि विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद थे।
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