जमशेदपुर।भक्ति जीवन का लक्ष्य ,भक्ति मिल गई तो सब कुछ मिल गया**. आनंद मार्ग जागृति गदरा में 3 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन एवं नारायण सेवा संपन्न हुआ लगभग 300 नारायण भोजन कराया गया कीर्तन समाप्ति के पश्चात कीर्तन के विषय में बताते हुए आचार्य नवरुणानंद अवधूत ने “जीवन का लक्ष्य ” विषय पर बताते हुए आचार्य नवरुणानंद अवधूत ने कहा कि भक्ति पथ नहीं है बल्कि भक्ति लक्ष्य है जिसे हमें प्राप्त करना है साधारणत: लोग ज्ञान और कर्म के साथ भक्ति को भी पथ या मार्ग ही मानते हैं परंतु ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि जीवन में जितने भी अनुभूतियां होती भक्ति की अनुभूति सर्वश्रेष्ठ है। ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग के माध्यम से मनुष्य भक्ति में प्रतिष्ठित होते हैं। और बाबा कहते हैं कि भक्ति मिल गया तो सब कुछ मिल गया तब और कुछ प्राप्त करने को कुछ नहीं बच जाता। उन्होंने बताया की मोक्ष प्राप्ति के उपाय में भक्ति श्रेष्ठ है भक्ति आ जाने पर मोक्ष यूं ही प्राप्त हो जाता है भक्त और मोक्ष में द्वंद होने पर भक्त की विजय होती है मोक्ष यूं ही रह जाता है आचार्य नवरुणानंद अवधूत ने कहा कि परमात्मा कहते हैं की मैं भक्तों के साथ रहता हूं जहां वे मेरा गुणगान करते हैं कीर्तन करते हैं परम पुरुष के प्रति जो प्रेम है उसे ही भक्ति कहते हैं। निर्मल मन से जब इष्ट का ध्यान किया जाता है तो भक्ति सहज उपलब्ध हो जाता है।
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