प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में शुक्रवार को भाजपा में भरोसा जताने के लिए मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाराणसी जितना ही मुझे केरल भी प्रिय है। मोदी ने कहा कि राजनीतिक दल और राजनीतिक पंडित लोकसभा चुनाव से पहले जनता के मूड को भांपने में नाकाम रहे।
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि राज्य से कोई सांसद नहीं चुने जाने के बावजूद उन्होंने अपनी पहली यात्रा के लिए केरल को चुना। क्योंकि यह भी उन्हें उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जितना ही प्रिय है। लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र का पर्व बताते हुए मोदी ने केरल की जनता की प्रशंसा की और यहां के मतदाताओं के योगदान के लिये उनका धन्यवाद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी राजनीति के लिये काम नहीं करती, बल्कि वह देश निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत को उसका गौरवपूर्ण स्थान मिले। निपाह विषाणु के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिए केरल सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है।
लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पहली यात्रा के लिये केरल को चुनने पर मोदी ने कहा कि कुछ लोग हैरान हो रहे होंगे कि यहां तो भाजपा का खाता भी नहीं खुला, फिर भी उन्होंने दक्षिणी राज्य को क्यों चुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एक चुना हुआ नेता सर्वमान्य होता है। मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव का अपना स्थान होता है और यह जीतने वाले की जिम्मेदारी होती है कि वह 130 करोड़ लोगों का ख्याल रखे। जिन लोगों ने हमें जिताया है या जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, दोनों हमारे अपने (लोग) हैं।
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