जमशेदपुर – श्राद्ध से विदेही आत्मा का कोई फायदा नहीं होता श्राद्धकर्ता की मानसिक शांति के लिए होता है
जमशेदपुर। स्वर्गीय आनंदमार्गी विमला देवी का निधन 13 अप्रैल को जमशेदपुर टाटा मेन अस्पताल में ह्रदय गति रूक जाने के कारण हुआ था आज 20 अप्रैल को आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से कामधेनू एनक्लेव समुदायिक भवन टेल्को में विमला देवी जी का श्राद्धनुष्ठान का कार्यक्रम आचार्य संपूर्णानंद अवधूत ने संपन्न करवाया सबसे पहले ईश्वरप्रणीधान के बाद श्राद्ध का मंत्र आचार्य संपूर्णानंद अवधूत के द्वारा उच्चारित किया गया उसके बाद उपस्थित लोगों ने भी मंत्र का उच्चारण किया मंत्र. “ॐ मधु वाता ऋतायते मधुं क्षरन्तु सिन्धवः ।
माध्वीर्नः सन्त्वोषधीः
मधु नक्तमुतोषसो मधुमत्पार्थिवं रजः ।
मधु द्यौरस्तु नः पिता ।।
मधुमान्नो वनस्पति र्मधुमान् अस्तु सूर्यः ।
माध्वीर्गावो भवन्तु नः ॥
ॐ मधु ॐ मधु ॐ मधु ” हे परमेश्वर हम लोगों के परम आत्मीय विमला देवी की विदेही आत्मा आज मरणसील जगत के ऊपर जगत के सुख -दुख से बाहर है |हे परमेश्वर उनकी अमर आत्मा उत्तरोत्तर प्रसार लाभ करें | आचार्य संपूर्णानंद अवधूत ने कहा कि श्राद्ध से विदेही आत्मा का कोई फायदा नहीं होता श्राद्धकर्ता की मानसिक शांति के लिए होता है शोक समय में अपने को व्यर्थ कष्ट देना या लोगों को दिखाने के उद्देश्य से बेवजह कोई काम नहीं करना चाहिए शोक का समय 12 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए 12 दिन के भीतर ही किसी भी दिन सुविधानुसार श्राद्धकर्म संपन्न कर सकते हैं अंत में. “सर्वेत्र भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
न कश्चिद् दुःख माप्नुयात्
ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः” कार्यक्रम में मुख्य रूप से आचार्य नवरुणानंद अवधूत ,स्वर्गीय विमला देवी के सुपुत्र अरुण वर्मा ,तात्विक पारसनाथ प्रसाद ,भक्ति प्रदान योगेश जी तथा कामधेनू एनक्लेव के लगभग सभी लोग इस श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लिए
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