जमशेदपुर।
हिल टॉप स्कूल प्रबंधन पर ठगी और फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाते हुए टेल्को थाना में लिखित शिकायत दी गयी है। “शिक्षा सत्याग्रह” के नेता सह भाजपा के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने इस आशय की शिकायत की है। गुरुवार को टेल्को थाना प्रभारी शंकर ठाकुर से मिलकर भाजपा नेता ने उक्त शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज़ करने का आग्रह किया। शिकायत के साथ ज़रूरी साक्ष्य भी सौंपे गए हैं। शिकायत में हिल टॉप स्कूल की प्रिंसिपल पूनिता बी. चौहान पर स्कूल प्रबंधन के सदस्यों तथा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण कर रही टाटा मोटर्स की संस्था शिक्षा प्रसार केंद्र के अध्यक्ष और सचिव की मिलीभगत से अभिभावकों संग धोखाधड़ी, ठगी और फर्ज़ीवाड़ा करने का आरोप है। इस आशय में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2018 के लिए स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चों से 7500 रुपये एस्टेब्लिशमेंट के नाम पर वसूले थे। वहीं सत्र 2019 के लिए लगभग इतने ही रुपये मेंटेनेन्स के नाम पर वसूले जाने की पुख्ता तैयारी है। एस्टेब्लिशमेंट और उसके मेंटेनेन्स पर एक बराबर राशि आख़िर कैसे ख़र्च हो सकती है, यही बड़ा प्रश्न है जिस आधार पर एफआईआर की माँग की जा रही है। स्कूल प्रबंधन द्वारा मनमाने तऱीके से अभिभावकों को गुमराह कर सरेआम लूट मचाई जा रही है।
शिकायतकर्ता शिक्षा सत्याग्रह के नेता भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने इसे स्कूल की प्रिंसिपल और टाटा मोटर्स के अधिकारियों की सोची समझी साजिश क़रार दिया। कहा कि शिक्षा प्रसार केंद्र के नाम पर टाटा मोटर्स कंपनी ने स्कूलों में कंपनी कोटा निर्धारित कर सामान्य बच्चों को एडमिशन से वंचित रखा है। वहीं माध्यम वर्गीय अभिभावकों से सरेआम ठगी कर मोटे रकम की उगाही की जा रही है। झारखंड में शिक्षा न्यायाधिकरण क़ानून लागू होने के बाद भी सरेआम स्कूल मनमानी पर क़ानून को चुनौती दे रहे हैं। अंकित आनंद ने कहा कि यदि हिल टॉप स्कूल की प्रिंसिपल, मैनेजमेंट कमिटी के लोगों तथा शिक्षा प्रसार केंद्र के अध्यक्ष और सचिव पर एफआईआर दर्ज़ नहीं कि गयी तो भारतीय संविधान का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध व्यापक “शिक्षा सत्याग्रह अभियान” चलाया जाएगा। कहा कि गणतंत्र दिवस के बाद टाटा मोटर्स के मुख्य गेट और टाटा मोटर्स के प्लांट हेड संपत कुमार के आवास के समक्ष गांधीगिरी कर सत्याग्रह अभियान चलाया जाएगा। अंकित आनंद ने कहा कि पिछले वर्ष इसी स्कूल के विरुद्ध इस मुद्दे पर आंदोलन करते हुए गिरफ़्तारी हुई थी। कहा कि इसबार भी अगर ज़रूरी हुई तो वे लाठी-गोली तक खाने को तैयार हैं, लेकिन अभिभावकों का शोषण नहीं होने देंगे।
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