जमशेदपुर – 10 जनवरी को 1 दिन में एक लाख युवाओं को रोजगार– मुख्यमंत्री

67

जमशेदपुर।

नूतन वर्ष 2019 के प्रथम दिन राज्य के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने जमशेदपुर के सूर्य मंदिर परिसर में अवस्थित सोन मंडप में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री ने राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को नव वर्ष की मंगलमयी शुभकामनाएं देते हुए की।

चार वर्षो की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रख रहे हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य के बनने से जुड़ी हुई कई आकांक्षाएं और आशाएं लोगों ने अपने मन में संजोई हैं। हर घर में खुशहाली, हर खेत को पानी, हर हाथ को रोजगार और समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के लिए सरकार पूरी ऊर्जा के साथ काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में वास्तविक स्वामी जनता होती है। सरकार और प्रशासन राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की खुशहाली के लिए पूरी सेवा भावना से तत्पर है।

राज्य की सबसे बड़ी समस्या उग्रवाद समूल समाप्ति की ओर

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता की सुरक्षा किसी भी सरकार की पहली प्राथमिकता होती है। हमारे पुलिस के जवानों की वीरता और उनके जज्बे  का प्रतिफल है कि उन्होंने बीहड़ और जंगलों में भी राज्य की सबसे बड़ी समस्या उग्रवाद को खोखला किया है। राज्य की सबसे बड़ी समस्या उग्रवाद अब अंतिम सांसें गिन रही है। आज हमारी जनता पलामू, सिमडेगा, गढ़वा, लातेहार, गुमला जैसे जिलों में भी रात दिन बेहिचक आवागमन कर रही है। हमने जनता से भयमुक्त झारखंड का वादा किया था, उस पर काफी कामयाबी पाई है। अंतिम सांसे गिन रहे उग्रवाद को आने वाले समय में समूल नष्ट करेंगे।शहरी क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोहों पर सरकार ने काफी बंदिश की है। जिसके कारण शहरों में भी अपराध की घटनाओं में लगातार गिरावट आई है। वेटरन क्रिमिनल को इन 4 वर्षों में पुलिस के जवानों ने मॉनिटरिंग करके सजा दिलाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 4 वर्षों में देश दुनिया में झारखंड ने विकास की जो इबारत लिखी है वह राज्य की आंतरिक शांति और सुरक्षा के कारण संभव हो पाया है।

अभी बहुत विकास करना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अभी काफी कुछ करना है। आज ईश्वर से यही आराधना की है कि आने वाले समय में झारखंड विकास की नई ऊंचाइयों का साक्षी बने। साल के पहले दिन यह शुभ संकल्प लिया है कि आने वाले समय में पूरे देश का सिरमौर झारखंड बने। सर्वांगीण विकास और समग्र विकास का लक्ष्य निर्धारित कर के 2019 के वर्ष में सरकार प्रवेश कर रही है। तीव्र और समावेशी विकास की सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए कई नई नीतियां और कार्यक्रमों पर सरकार काम कर रही है।

झारखंड के  30,000 गांवों में प्रत्येक घर तक बिजली से रोशन हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनता से यह वादा किया था कि 2018 तक झारखंड के हर घर तक बिजली पहुंचाना है। मुझे बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि सौभाग्य योजना के तहत झारखंड के सभी 32000 गांवों में हर एक घर तक बिजली पहुंचाई गई है।  मंत्री ने कहा कि  अभी जो बिजली आती जाती है यह एक समस्या है। 2019 दिसंबर तक 24 * 7 बिजली गांव की जनता को मिलेगी। व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सरकार ने  80 ग्रिड और 257 सब स्टेशन का निर्माण किया है। इसके कारण गांवों में भी बिजली मिलेगी। इसके पीछे उद्देश्य है कि गांव से शहर के पलायन को रोकना।2019 मार्च तक हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को 3 माह पूर्व भी हमने प्राप्त कर लिया है।

2020 तक राज्य में कोई बेघर नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का यह संकल्प है कि 2022 तक देश में कोई बेघर ना हो। राज्य सरकार ने तय किया है कि 2020 तक राज्य में कोई गरीब बेघर ना हो चाहे वह नगरीय क्षेत्र में हो या ग्रामीण क्षेत्र में। इस दृष्टिकोण से जमशेदपुर में आगामी महीने में 27000 घरों की बुनियाद रखी जाएगी। रांची में 25,000 घरों का भी शिलान्यास होगा जिससे गरीब भी झोपड़पट्टी नहीं बल्कि कॉलोनी में गरिमा के साथ सुविधा पूर्ण जीवन यापन करेंगे।

शहरों में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम

शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लुआबासा में पुल और नए जमशेदपुर की परिकल्पना है। दोमुहानी पुल में चौका तक रोड बनने का काम हो रहा है जिसका लोकार्पण एक दो महीने में होगा जिससे सभी ट्रक बाईपास से चौका पहुंचेंगे।

संथाल परगना में विकास के नए दरवाजे खुल रहे हैं

जल मार्ग से व्यापार को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2019 तक गंगा से जल मार्ग होते हुए ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बंगाल, म्यांमार और बांग्लादेश तक व्यापार के नए केंद्र उपलब्ध होंगे।2019 में शुरू होंगे स्मार्ट सिटी झारखंड में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर काम चल रहा है। 2019 तक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर झारखंड में स्मार्ट सिटी में स्थापित हो जाएंगे, जिससे कि राज्य के व्यापारी वर्ग को एक सेंटर मिल सके।

2022 तक चौगुनी होगी किसानों की आय

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 2019 के बजट में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का सूत्रपात किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से राज्य के 20 लाख मध्यम और लघु किसान सीधे लाभान्वित होंगे। बरसात के पहले ही किसानों ₹5000 प्रति एकड़ की दर से राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी, जिससे वे समय पर खाद और बीज का क्रय कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 में राज्य की कृषि विकास दर ऋणात्मक 4.5 थी। इन 4 वर्षों में सरकार ने डोभा और तालाब के रूप में सिंचाई के संसाधनों की व्यवस्था की और राज्य के मेहनती अन्नदाताओं के अथक परिश्रम से धनात्मक 14.5 प्रतिशत है। 4 वर्षों में 18 से 19% की अभूतपूर्व वृद्धि मेहनतकश भूमिपुत्रों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। इसके लिए झारखंड के समस्त किसान भाइयों बहनों को बधाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है जहां एग्रीकल्चर फूड समिट किया गया जिसमें देश-विदेश से कृषि के क्षेत्र से नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों का समागम हुआ

सिंचाई व्यवस्था को पुख्ता करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी फरवरी महीने में 5000 तालाब खोदने का काम सीएसआर के तहत शुरू किया जाएगा। इसके लिए ग्लोबल एग्रीकल्चर फूड समिट के दौरान एमओयू कर लिया गया है। कृषि विभाग और जल संसाधन विभाग के द्वारा और भी तालाब खोदे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिंचाई के संबंध में काफी काम हुए हैं और काफी काम आगे आने वाले वर्ष में होंगे क्योंकि कृषि और ग्रामीण विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है। कृषि उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए 2019 में कृषि और ग्रामीण विकास सरकार की प्राथमिकता में रहेंगे और इस को ध्यान में रखकर ढेर सारी योजनाएं कार्यान्वित करेंगे।

कृषि उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ कृषि उत्पादों के लिए बाजार व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बागवानी और सब्जी उत्पादन अधिक होता है। चीन जैसे देश राज्य की भिंडी लेने के लिए तैयार हैं तो संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपियन देशों ने भी जैविक सब्जियों की खपत के लिए अपने बाजार खोले हैं। राज्य में होने वाले तमाम जैविक उत्पादों को लेने के लिए पतंजलि तैयार है। राज्य में मधु प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए पतंजलि के साथ राज्य सरकार  अग्रिमेंट करने जा रही है।

दुग्ध उत्पादन के लिए भी कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है जिससे न केवल आय की बढ़ोत्तरी होगी बल्कि गोबर से जैविक ऊर्जा और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। 6 जनवरी को 36 महिलाएं इस्राएल जाएंगी, जिसमें बहुसंख्यक आदिवासी महिलाएं हैं। झारखंड के गांवों में कृषि उद्योग और पशु उद्योग को आदिवासी महिलाओं ने संभाला है। वर्ल्ड बैंक की सहायता से जोहार योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं। दुनिया में उन्नत किसान झारखंड में बने हैं उन्नत तकनीकी की जानकारी किसानों को हो इस दृष्टिकोण से सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न चरणों में इजरायल भेजने का काम निरंतर चल रहा है। जिन 52 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है वह जैविक खेती के लिए गांव के किसानों को अगुआ बनके प्रेरित कर रहे हैं। पूर्वी सिंहभूम से श्रीमंत मिश्रा इजरायल गए थे। खूंटी के बिरसा मुंडा ने पुलिस की नौकरी को छोड़कर आसपास के नौजवानों को खेती के काम से जोड़ा और आज महीने में 4 से 5 लाख कमा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि किसान, उन्नत किसान बनें और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर प्रति बूंद अधिक फसल प्राप्त करें।पशुपालन ग्रामीण जीवन की जीवन रेखा हैइस क्षेत्र में भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार और स्वरोजगार की संभावनाएं हैं।

महिला सशक्तिकरण

महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बने सशक्त बने इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सखी मंडल को 700 करोड़ रुपए बैंक और सरकार के द्वारा मदद की जा चुकी है। ₹1 में महिलाओं के नाम 50 लाख की रजिस्ट्री करने जैसी अनूठी पहल झारखंड ने की है। 1,20,000 से अधिक बहनें जायदाद की मालकिन बन चुकी हैं। इसके पीछे उद्देश्य था कि समाज में डायन बिसाही, दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को निर्मूल किया जाए।

मातृत्व मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बच्चियां गरीबी के कारण पांचवी छठी कक्षा से ड्रॉपआउट होती हैं। बाल विवाह भी एक कलंक है, जिसके कारण राज्य में मातृत्व मृत्यु दर अभी भी अधिक है यद्यपि शिशु मृत्यु दर के क्षेत्र में 4 वर्षों में राष्ट्रीय औसत से भी अच्छे काम हुए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृत्व मृत्यु दर आज भी झारखंड में अधिक है इसको नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत  मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना को रूपांतरित करते हुए की जा रही है।

बेटी के जन्म से लेकर  शिक्षा  और शादी की चिंता सरकार को

2011 के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण और अंत्योदय परिवार इस योजना के तहत सम्मिलित रहेंगे। इस योजना से राज्य की 27 लाख बहनों को लाभ मिलेगा। बच्चे के जन्म  के समय, पहली, पांचवीं और 11 वीं कक्षा में प्रवेश के समय ₹5000, वर्ग मैट्रिक में प्रवेश पर ₹10,000 की राशि मां के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। 18 वर्ष की उम्र पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत ₹30,000 विवाह के समय देने की भी व्यवस्था है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More