भारत के ह्रदय रत्न थे अटल जी-काले
जमशेदपुर। कार्यक्रम में उपस्थित जनसंघ काल के कार्यकर्ताओं को मनमोहन चौधरी के द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर जनसंघ काल के कार्यकर्ताओं ने स्व. अटल जी पर अपने विचार व संस्मरण को उपस्थित कार्यकताओं के साथ साझा किया।इस अवसर पर मनमोहन चौधरी ने कहा कि हमलोगों का सौभाग्य था कि हमें अटल जी के नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला वे बेहद सहज सरल व्यक्तिव के स्वामी थ। वे हाजिरजवाबी के साथ अपनी बातों को रखते थे उनके भाषण का जादू ऐसा होता था कि विपक्षी दल के लोग भी उनके भाषण सुनने को जाते थे।उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को एक नए आयाम तक पहुंचाया जहां दल नही दिल मिलाने की बात होती थी।अपने विचार रखते हुए हरेंद्र पांडेय ने अटल विहारी जी के साथ अपने संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि विशाल ह्रदय के मालिक थे अटल जी।रामनारायण शर्मा ने कहा कि अटल जी कहीं गए नहीं हैं वे हमारे विचारों में हमारी जीवनशैली में सदैव रहेंगें।सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि वे अटल जी ही थे जो बिना भेदभाव पक्ष विपक्ष के सभी का सम्मान करते थे और उनकी बात सुनते थे।राजन सिंह ने कहा कि अटल जी सर्वमान्य नेता थे जिनका सभी दलों में सम्मान था वे सभी के प्रिय थे उनके जैसे व्यक्तिव का शायद ही कोई दूसरा हो।इस अवसर पर उपस्थित सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार ने कहा कि कवि ह्रदय, विशाल ह्रदय के स्वामी अटल जी विपरीत परिस्थितियों में भी सामंजस्य बैठाकर चलना जानते थे और किसी की भावना को ठेस पहुंचाये बिना अपनी बात कहने की जो कला उनके पास थी वाह बिरले ही होती है।उन्होंने कभी भी सत्ता को खुद के और कार्यकर्ताओं के मध्य आने नही दिया वे कार्यकर्ताओं को सम्मान देना बखूबी जानते थे यही वजह है कि कार्यकर्ता भी उनको दिल से चाहते थे और आज भी वे हमारे दिलों में हैं।बारी मुर्मू ने कहा कि अटल जी के व्यक्तित्व उनकी विचारों से प्रेरित हो कर ही उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।
अटल जी एक व्यक्ति नही विचार थे और उन्हीं विचारों को हमें आगे ले जाना होगा।इस अवसर पर रीता सिंह ने कहा कि अटल जी महामानव थे उनकी जैसी सोच उनके जैसा व्यक्तित्व राजनीति में बिरले ही होता है वे सिर्फ एक दल विशेष के नेता नहीं बल्कि पूरे देश के नेता थे।कार्यक्रम में केदारनाथ सिंह,बृजराज मिश्रा व आई.डी. दुबे ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि अटल जी अटल थे अटल हैं और अटल ही रहेंगें ।कार्यकर्ताओं के मान सम्मान को उन्होंने सदैव महत्व दिया न कि सत्ता पाकर कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का उन्हें अपमानित करने का काम किया। उनसे आज के हर एक राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए जो सत्ता के मद में कार्यकर्ताओं के सम्मान से खिलवाड़ करने का प्रयास करते हैं।
अटल जी जानते थे कि कार्यकर्ताओं के दम पर ही नेता बनते हैं,नेता कार्यकर्ता नही बनाता इसलिए वे खुद को एक कार्यकर्ता कहलाना ही पसंद करते थे उनका ह्रदय तो इतना विशाल था कि वे दलीय राजनीति के भवँर जाल में कभी फंसे ही नही उनके लिए सभी लोग अपने थे और वे सभी का आगे बढ़कर सम्मान करते थे सही अर्थों में वे अजातशत्रु थे जिनका सम्मान सभी दल, पक्ष विपक्ष के लोग करते थे।
अगर एक कुछ शब्दों में मुझे उनके व्यक्तिव को उकेरना हो तो मैं उनके किये भारत ह्रदय रत्न का संबोधन करूँगा।
ऐसे थे हमारे अटल जी , आज वे हमारे बीच भले भी शारीरिक रूप से नही हैं पर उनके विचार,उनके कार्य उनकी कविताऐं सदैव हम सभी के ह्रदय में रहेगा जब तक ये दुनिया का अस्तित्व है तब तक अटल जी का नाम रहेगा।
जनसंघ काल के सम्मानित होने वाले कार्यकर्ताओं में स्वर्गीय चन्द्रभान सिंह, ,मनमोहन चौधरी,हरेंद्र पांडेय, रामनारायण शर्मा,केदारनाथ सिंह,रामरेखा सिंह,प्रभुनाथ ओझा,बृजराज मिश्रा, आई.डी. दुबे,संतलाल पाठक,मनोरंजन ओझा,सुरेंद्रनाथ मिश्रा,सुरेंद्र सिंह,रामदेव पांडेय,त्रिफुल राय, रामप्रकाश सिंह’अशोक’ विनय वर्मा,राजन सिंह,कृष्णानंदन सिंह,तारानंद कामत,मिलन राम साव, किशन लाल शर्मा,सुबोध श्रीवास्तव, गजेंद्र सिंह,पी.एन. पांडेय मुख्यरूप से उपस्थित थे इनके अलावा अन्य सम्मानित होने वालों में संजीव कुमार,सतीश सिंह, वरुण कुमार,आशुतोष राय, बारी मुर्मू,रीता सिंह,प्रमिला देवी, हेमलता,राजेश सिंह’बम’ रतन महतो सम्मिलित थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम में राजेश सिंह,श्वेता कुमारी, रीता मिश्रा,सीमा जायसवाल,लक्ष्मी यादव,स्वाति मित्रा,उषा शर्मा, प्रीति झा,नेहा झा,रामदुलारी देवी,ममता कपूर, दलजीत वर्मा,मिनी सिंह,मिष्टी सोना,शीलू साहू,तनुश्री,मोना देवी,दीपा, रेणु झा, विजय सिंह,अभय चौबे, शंकर रेड्डी,गणेश मुंडा,मुजीम मुखी,किशोर ओझा,विपिन झा,विवेक पांडेय, अमित शर्मा, मनीष जी, रॉकी सिंह,राजू,मोइन खान,सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।मंच का संचालन डी डी त्रिपाठी ने व धन्यवाद ज्ञापन वरुण कुमार ने किया।
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