उपायुक्त ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जानकारी ग्राम प्रधानों को दी
108 डायल करके अपने घर पर एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करें। ग्राम सभा में, चौपाल में अधिक से अधिक लोगों इस योजना की जानकारी दें- उपायुक्त अमित कुमार
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जिले के ग्राम प्रधान ग्राम प्रधानों, घटवाल एवं तावेदारों का योजनाओं के उन्मुखीकरण हेतु एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एक्सएलआरआई टाटा प्रेक्षागृह में जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया।
जमशेदपुर।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन का लाभ मिलने में समस्या बताए जाने पर एक ग्राम प्रधान द्वारा समस्या बताए जाने पर उपायुक्त श्री अमित कुमार ने कहा कि हमारे लिए एक चुनौती है लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह है जानकारी। ग्राम प्रधान के प्रति पूरे गांव के लोग आस्था और विश्वास रखते हैं। जब आपके पास सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी होगी तब आप बेहतर तरीके से गांव के लोगों को उनकी भाषा में जानकारी दे पाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि किसी गरीब के लिए इलाज कराने के लिए धन राशि जुटाना काफी कठिन होता है। इसके लिए सरकार ने 108 एंबुलेंस योजना की शुरुआत की है। आप कहीं भी हों 108 डायल करके एंबुलेंस की सेवा ले सकते हैं। एंबुलेंस आपके घर में आकर मरीज को लेकर जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले की 23 लाख आबादी है। हर एक लाख की जनसंख्या पर सारी सुविधाओं से सुसज्जित एक एंबुलेंस सीएचसी अथवा अनुमंडल में तैनात रहती है और फोन जाने पर सूचना एकत्र कर आपके घर पहुंचेंगे और मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करेंगे। इस सुविधा का लाभ अवश्य लें, अपने गांव में भी यह जरूर बताएं कि 108 डायल करने पर गांव में ही घर तक एंबुलेंस की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे कई लोगों को हम लोग अस्पताल तक पहुंचा सकते हैं। जानकारी के अभाव में लोग स्थानीय स्तर पर छोटी गाड़ी टेंपो इत्यादि साधनों से अस्पताल तक पहुंचते हैं जो कि काफी कष्टकारी होता है और समय भी बर्बाद होता है। 108 योजना का लाभ जरूर उठाएं।
उपायुक्त ने कहा कि आयुष्मान भारत के क्रियान्वयन में समस्या होने पर उसके लिए भी प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई सूचीबद्ध अस्पताल आपकी बात नहीं सुनते हैं तो उसके लिए सिविल सर्जन के पास जाएं। सिविल सर्जन को यह जानकारी मिलती है कि यदि अस्पताल इस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं तो क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के माध्यम से उस अस्पताल की मान्यता रद्द करने का कार्य किया जाएगा। सरकार इतनी राशि दे रही है जिससे कि गरीबों का बेहतर तरीके से इलाज हो सके और यदि व सुविधाएं नहीं मिलती हैं तो निश्चित रूप से उन पर कार्रवाई होगी। जिनके पास भी राशन कार्ड है इस योजना का लाभ उठाएं। यह पहचान करना बहुत आसान है यदि आपके पास राशन कार्ड है तो आप किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में निशुल्क ₹500000 तक की चिकित्सा सुविधा 1 वर्ष में ले सकते हैं। यह सुविधा बेड चार्ज अन्य मेंटेनेंस चार्ज के माध्यम से चार्ज किए जाने वाले व्यय भी शामिल होंगे। आयुष्मान भारत को ग्राम प्रधान बेहतर तरीके से धरातल पर कार्यान्वित कर सकते हैं। जब कभी भी चौपाल लगे और ग्रामीण एकत्र हो तो इन योजनाओं के बारे में आप निश्चित रूप से चर्चा करें जिससे कि कई लोग जो अपने अंदर की बीमारी को जज्ब किए हुए हैं वे अपने मुकम्मल इलाज के लिए आगे आएंगे। यह सरकार की सोच है मुख्यमंत्री ने 2800000 लोगों को अतिरिक्त रूप से इस योजना में शामिल किया है। राज्य सरकार के कोष से इसके लिए प्रावधान किया है। 67 लाख परिवार पूरे झारखंड में हैं और 58 लाख परिवार इससे आच्छादित हैं। झारखंड के गरीब से गरीब व्यक्ति इस योजना से जुड़ सकें कहीं भी समस्या आने पर आप सिविल सर्जन कार्यालय, इंश्योरेंस कंपनी, अस्पताल प्रबंधन पर सूचना दे सकते हैं। अथवा सीधे मेरे कार्यालय में आकर सूचना दे सकते हैं।
पंचायती राज विभाग के जिला प्रशिक्षक सुशांत कुमार ढोके ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी। डाकिया योजना, मुख्यमंत्री आकस्मिक खाद्यान्न योजना, पहले पढ़ाई फिर विदाई, सोयल हेल्थ कार्ड, अन्नपूर्णा योजना के विषय में जानकारी दी गयी। अपने गांव में जरूरतमंदों को चिन्हित करके डाकिया योजना से जोड़ने का काम करें जिससे भूख से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु ना हो। सरकार इसके लिए अनेकों योजनाएं चला रही है जिनके सही जगह पर कार्यान्वयन के लिए ग्राम प्रधानों की सक्रिय भूमिका है। सक्रिय भूमिका में सामने आ सकते हैं। आए हुए ग्राम प्रधानों से संवाद स्थापित करते हुए यह पूछा गया कि अपने क्षेत्र में कितने लोगों को डाकिया योजना के तहत लाभ दिलाया है।
जनसंपर्क विभाग में सूचीबद्ध प्रीति सागर के कला दल द्वारा ‘यह रिश्ता नहीं हो सकता’ नुक्कड़ नाटक का मंचन कर शौचालय के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया गया।
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