बिजनौर। अपशिष्ट प्रबंधन और गंगा की सफाई के लिए एक महीने के राफ्टिंग अभियान के माध्यम से जागरूकता का प्रसार हेतू टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की संयुक्त पहल ‘मिशन गंगे’ की 40 सदस्यीय टीम के साथ बिजनौर के 1000 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों ने कंधा से कंधा मिला कर काम किया।
राफ्टिंग अभियान का नेतृत्व टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की चीफ सुश्री बचेन्द्री पाल कर रही हैं, जो माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। अभियान 5 अक्टूबर, 2018 को हरिद्वार से शुरू हुआ। राफ्टिंग के माध्यम से लगभग 1500 किलोमीटर की दूरी तय कर अभियान को पूरा किया जायेगा। यह अभियान बिजनौर, फर्रुखाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और बक्सर समेत आठ प्रमुख शहरों से होते हुए 30 अक्टूबर, 2018 को पटना में समाप्त होगा।
अभियान की शुरुआत में ’मिशन गंगे‘ की टीम ने 4 अक्टूबर को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से नयी दिल्ली में मुलाकात की।
’मिशन गंगे‘ टीम 9 अक्टूबर, 2018 को बिजनौर पहुंची। टीम का स्वागत बिजनौर जिला मजिस्ट्रेट श्री अतुल कुमार राय और अन्य अधिकारियों ने किया। टीम ने आज सुबह (11 अक्टूबर) तक यहां कैंप किया, जिसके बाद अगला पड़ाव फ़र्रुखाबाद की यात्रा शुरू कर दी।
बिजनौर में स्थानीय लोगों में इस अभियान के प्रति जबरदस्त उत्साह था। स्वच्छता जागरूकता के लिए निकाली गयी प्रभात फेरी में 1000 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। टीम ने सेंट मेरीज स्कूल, बिजनौर इंटर कॉलेज और विवेक कॉलेज का भी दौरा किया। टीम के सदस्यों ने विद्यार्थियों के साथ कचरा प्रबंधन समेत पर्यावरण को साफ रखने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की। यहां के नुमाईश ग्राउंड पर साफ-सफाई भी की।
टीम ने नदी के किनारे और गांव के आसपास से 2 टन कचरा इकट्ठा किया। इस प्रकार, दो दिनों में कुल 4 टन कचरा इकट्ठा किया गया।
टीएसएएफ चीफ और मिशन गंगे अभियान की लीडर सुश्री बचेन्द्री पाल ने बताया, “अभी टीम का मनोबल बेहतरीन है और हम एक जबरदस्त शुरुआत के लिए निकल चुके हैं। स्थानीय समुदायों के हर सदस्य तक पहुंचने के लिए हम बेहद उत्सुक हैं, लेकिन विशेष रूप से स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को गंगा की सफाई के लिए इतनी बड़ी संख्या में आगे आते देखना काफी उत्साहजनक है।
सुश्री पाल ने मिशन की सफलता और भारत सरकार की ‘‘नमामि गंगे’’ पहल के दीर्घकालिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए स्थानीय आबादी की भागीदारी के महत्व पर बल दिया।
सुश्री पाल और ‘मिशन गंगे’ टीम ने बिजनौर स्टेडियम में विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। उन्होंने विदुर कुटी का भी भ्रमण किया, जहां 2000 स्थानीय ग्रामीणों और विदुर कुटी विद्यालय के विद्यार्थियों ने उनका स्वागत किया। टीम ने ग्रामीणों और बच्चों के साथ बातचीत की और उन्हें स्वच्छता के महत्व बताये। टीम के सदस्यों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ एक दोस्ताना फुटबॉल मैच भी खेला।
टीएसएएफ ने मिशन के लिए 40 सदस्यों (20 पुरुष $ 20 महिलाएं) की एक बहुत ही विविध और मेहनती टीम का चयन किया है। इसमें माउंट एवरेस्ट पर विजय पाने वाले 8 पर्वतारोही और 26 टाटा स्टील कर्मचारी हैं। इसके अलावा, इंजीनियर, पर्यावरण कार्यकर्ता, विज्ञान आदि विभिन्न पृष्ठभूमि से भी प्रोफेशनल्स को टीम में शामिल किया गया है। इस टीम को अभियान के दौरान सभी संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। विभिन्न शहरों, कस्बों आदि में प्रवास के दौरान टीम अपशिष्ट प्रबंधन, गंगा में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए घाटों और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलायेंगे तथा स्कूलों व संस्थानों का भ्रमण करेंगे।
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