किसी ने “रीथिंक” पर रंग भरे तो किसी की कूची “रिफ्यूज” थीम पर चली
मूर्तिकारों और स्क्रैप कला के धुरंधरों ने “6 आर” को जीवंत रूप देने का किया प्रयास
जमशेदपुर। जमशेदपुर अक्षेस द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय संरक्षण को लेकर 6 उपायों की थीम पर आयोजित चार दिवसीय ” 6 आर कॉन्क्लेव “ के दूसरे दिन शहर के लगभग 40 कलाकारों ने अपनी भावनाओं को भौतिक रूप देने की कोशिश आरम्भ की। पेंटिंग, स्कल्पचर और स्क्रैप आर्ट पर आधारित कई रचनाओं की शुरुआत हुई। जो 5 जून पर्यावरण दिवस तक बनकर पूरी हो जाएगी।
एक युवा चित्रकार अनुपम पाल की एक पेंटिंग जिसमें पॉलिथीन से होने वाली मौतों के बाद चिंताग्रस्त पशु पक्षियों को मीटिंग करते दिखाया गया है। इसी प्रकार से रुपाली झा, मुक्ता गुप्ता , सुमिता बनर्जी, तापसी रॉय, अमित्र सेन, लवली सिन्हा, मेघा, निरंजन साव, रिया आदि ने भी पूरे दिन कैनवास पर रंग भरे।
स्कल्पचर के कलाकार एक मादा जानवर के पेट के अंदर के भाग को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमे पेट के अंदर सिर्फ पॉलिथीन ही भरी दिख रही है , उसी पॉलिथीन के बीच उस जानवर का गर्भस्थ भ्रूण भी मृत या कुपोषित अवस्था में पॉलिथीन में फंसा हुआ है। फाइन आर्ट की छात्रा सुप्रिया ने एक विशालकाय काला पंजा बनाया है जिसकी उँगलियाँ अप्रयुक्त काली पॉलिथीन से बनी हुईं हैं। मानो इंसान को भय की मुद्रा में सचेत कर रहा हो। मूर्तियों के माध्यम से “6 आर” का सन्देश देने के लिए सुबेन्दु बिश्वास, माणिक, प्रियंका विश्वकर्मा,अनुज कुमार, राहुल सरदार, अंजलि सिंह,प्रबीर साव, अरुण कुमार, लोको कृष्णा, ललन दत्ता, सन्नी सिन्हा, शुभम गोराई, चन्दन मुखी,देबब्रत, सोमनाथ, सौरव, पूर्णिमा आदि ने दिन भर उँगलियाँ चलाईं।
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