जमशेदपुर।
जिले के उपायुक्त क द्वारा करीब830 प्राथमिक विधालयो को बंद करने के मामला राजनितिक रंग लेने लगा है। इसके विरोघ में कई राजनितीक के साथ साथ समाजिक संगठन खुलकर सामने आ रहे है। इसी मामले को लेकर झारखंड युवा मोर्चा के द्वारा उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन सौप कर विरोध जताया है।ज्ञापन के माध्यम से इस मांग को वापस लेने की मांग की गई है। अगर सरकार इस मामले को लेकर कोई हस्तक्षेप नही करती है तो इस अंदोलन के दौरान होने वाले क्षतिपूर्ति का जिम्मेदार जिला प्रशासन होगे।
इस सबंध में झारखंड युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष माहावीर मुर्मू ने बताया कि शिक्षा विभाग ने पूर्वी सिहभुम जिला करीब 830 प्राथमिक और मध्य स्कूलो को बच्चे की कमी को दिखाकर दुसरे स्कूलो मे विलय करने की योजना बनाई है। जिसका झारखंड युवा मोर्चा पूरजोर विरोध करती है। उन्होने कहा कि शिक्षा विभाग उन स्कूलो को विलय करने के पूर्व पूर्वी सिहभुम जिला के भौगोलिक स्थिति, वास्तविक दुरी , समाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति शैक्षिक दर का सही ढंग से आकलन नही किया गया।उन्होने कहा कि जिला मे कुल गांवो की संख्या 1643 है जिला में कुल प्राथमिक एवं मध्य विधालय की संख्या 1953 है। यदि प्रस्तावि 830 विधालयो को बंद कर अन्य विधालयो मे विलय कर दिया जाएगा।तो जिला में मात्र 1123 विधालय ही रह जाएगी।जो जिला की गांवो की संख्या में 1643 की तुलना में अपर्याप्त होगी। उन्होने कहा पहले भी जिला प्रशासन ने 89 विधालय को शिक्षा विभाग के द्वारा बंद कर दिया गय़ा था। उन्होने उपायुक्त से आग्रह करते हुए कहा कि प्रस्तावित 830 स्कूलो के बंद करने की योजना को निरस्त करे। ताकि उस स्कूल में पढने वाले बच्चे फिर सें स्कूल आना जाना कर सके।
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