जमशेदपुर।
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर सामने आई है। बुधवार को इसे लेकर अधीक्षक चैंबर के बाहर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, पटमदा के खीरवां गांव निवासी चैतन्य महतो (60) को 26 जनवरी को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के क्रम में 27 को उसकी मौत हो गई। लेकिन इसकी सूचना उसके परिजनों को नहीं दी गई और लवारिश समझकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि पहले तो एमजीएम प्रबंधन शव जलाने की बात को दबाए रखा। जब विरोध हुआ व हंगामा किया गया तो प्रबंधन ने शव जलाने की बात स्वीकार कर ली। परिजनों ने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसकी शिकायत वे उपायुक्त से भी करेंगे। कांग्रेसी नेता खगेन महतो ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन के से मृतक के परिजन अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर सके। इस मामले में जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।
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