रमेश सिंह मुंडा हत्या कांडः पूर्व अंगरक्षक के बाद पूर्व मंत्री राजा पीटर भी देर रात गिरफ्तार

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रांची।
विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्या कांड की जांच कर रही NIA ने पूर्व मंत्री राजा पीटर को गिरफ्तार कर लिया है. राजा पीटर की गिरफ्तारी अाठ अक्टूबर की देर रात हुई है। 10 अक्टूबर को एनअाइए उसे कोर्ट में पेश कर सकती है। जांच में एनअाइए को सहयोग कर रही राज्य पुलिस के एक सीनियर अफसर ने राजा पीटर की गिरफ्तारी की पुष्टि अाफ द रिकार्ड की है।इससे पहले एनअाइए ने अाठ अक्टूबर को इस हत्याकांड में शामिल होने के अारोप में झारखंड पुलिस के एएसअाई शेषनाथ सिंह को गिरफ्तार किया था।एनअाइए ने उसे कोर्ट में पेश कर 15 अक्टूबर तक के लिए रिमांड पर लिया है. शेषनाथ सिंह अभी धनबाद के भौरा थाना में पदस्थापित था, जबकि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दौरान वह उनके साथ अंगरक्षक के रुप में प्रतिनियुक्त था। हालांकि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दिन वह उनके साथ कार्यक्रम में नहीं गया था. जहां पर नक्सलियों ने अंधाधुन फायरिंग कर रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी। घटना के बाद वह प्रोन्नति पाकर एएसअाइ बना था।

नौ जुलाई 2008 को हुई थी हत्या

तमाड़ विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या नौ जुलाई 2008 को नक्सलियों ने कर दी थी. नक्सलियों ने उनके दो अंगरक्षक और एक छात्र को भी गोलियों से भून डाला था. हत्या का आरोप तब के नक्सली जोनल कमांडर कुंदन पाहन व उसके दस्ते पर लगा था. 14 मई 2017 को कुंदन पाहन ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था. कुंदन पाहन को हीरो की तरह पेश करने के विरोध में और रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर उनके बेटे व तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा ने अनशन कर धरना दिया था. सरकार द्वारा उच्चस्तरीय जांच के अाश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया था. जिसके बाद विकास मुंडा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर मामले की सीबीअाइ या एनअाइए से जांच कराने का अाग्रह किया था. गृह मंत्रालय के अादेश पर एनअाइए ने छह जून 2017 से मामले की जांच शुरु की थी. इससे पहले मामले की जांच सीअाइडी कर रही थी. इस मामले में भाकपा माअोवादी के पूर्व जोनल कमांडर कुंदन पाहन समेत कई नक्सली अारोपी ह।

स्कूल में आयोजित  कार्यक्रम में गये थे भाग लेने

रमेश सिंह मुंडा की हत्या जिस वक्त की गयी थी, उस वक्त वह बुंडू थाना से डेढ़ किमी दूर स्थित एसएस हाई स्कूल में आयोजित समारोह में भाग लेने गये थे. स्कूल सभागार में छात्रों को पुरस्कार देने और शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद जब वह छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तभी कुंदन पाहन के नेतृत्व में नक्सली दस्ता वहां पहुंचा और अंधाधुन फायरिंग कर दी। जिसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दोनों अंगरक्षक और एक छात्र की मौत हो गयी। नक्सली ट्रेकर से आये थे। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली रमेश सिंह मुंडा के अंगरक्षकों का कारबाईन लूट ले गये थे।

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