किशोर कुमार KK
मधुबनी – नैंसी मामले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई करते हुए देर रात नैंसी के मामा अविनाश झा को पुलिस ने घोघरडीहा में पकड़ लिया। अमित से पूछताछ के बाद पुलिस ने अविनाश को उठाया।
नैंसी एक सप्ताह से ननिहाल में थी। घटना के दिन सुबह ही वो अपने गांव आई थी। बिहार की बहुचर्चित नैंसी हत्याकांड में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच में पुलिस उन तथ्यों को देख रही है, जिससे पुलिस को हत्या होने की आशंका लग रही है।
दरअसल, बिहार के मधुबनी जिले की निवासी नैंसी झा का शव नदी में 27 मई को मिला था। इसके बाद से ही इलाके के लोगों में बहुत गुस्सा है। सूत्रों की माने तो नैंसी हत्या मामले में शक के दायरे में नैंसी का भाई राघवेंद्र है।
राघवेंद्र ही घर का इकलौता शख्स था, जो शादी के खान-पान के रस्म में शामिल नहीं हुआ था और घर पर था। राघवेंद्र ने नैंसी को आखिरी बार नैंसी को आम के पेड़ के पास देखा था और उसने ही लालू झा और पवन झा का नाम इस केस से जोड़ा था। उसने बताया था, ‘रास्ते से जब मैं गुजर रहा था, तो नैंसी के आसपास लालू झा और पवन झा को देखा था।’
गांव के लोग खुलकर कैमरा पर तो राघवेंद्र का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड में यह कहने से नहीं कतरा रहे है कि घर का भेदी इस मामले में संलिप्त है। बताया जाता है कि राघवेंद्र को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था, लेकिन नैंसी के पिता के हंगामे के बाद उसे छोड़ दिया गया।
अब पुलिस के शक की सुई अभी भी राघवेंद्र पर टिकी है। मधुबनी एसपी पहले ही कह चुके हैं कि नैंसी का अपहरण नहीं हुआ, उसकी हत्या हुई और जब डॉग स्क्वॉड आया तो वह उसी घर पर रूका, जिस घर में नैंसी आखरी बार गई थी।
जब से राघवेंद्र शक के दायरे में आया है तब से हमेशा घर में ही रहता है और कैमरा से भागना चाहता है। चेहरे का रुख भी राघवेंद्र को शक के दायरे में खड़ा करता है। आखिर कौन सा राज है जो राघवेंद्र जानता है?
उस वक्त क्या हुआ जब नैंसी पुराने घर में मेंहदी में शामिल होने गई थी? राघवेंद्र के पिता राघवेंद्र से अधिक प्रश्न भी नहीं पूछने देते हैं। उन्होंने कहा कि हमने आरोपियों को पकड़कर दिया था, लेकिन थर्ड डिग्री का टॉर्चर किए बिना कैसे छोड़ दिया गया?
मधुबनी के एसपी दीपक वरनवाल ने कहा कि नैंसी के अपहरण के मामले में जैसा पिता ने एफआईआर कराया, वैसा अपहरण करना नामुमकिन है। नैंसी के पिता ने अपने एफआईआर में लिखा है कि एक व्यक्ति मोटरसाइकिल पर नैंसी का अपहरण कर लिया, जिसके पीछे पैदल लालू झा जा रहे थे।
बहरहाल, नैंसी हत्याकांड की पहेली रहस्यमय बनी हुई है। सवाल यह है आखिर 12 साल की बच्ची को एक युवक मोटरसाइकल पर बीच बस्ती से कैसे अपहरण कर सकता है? आखिर कौन झूठ बोल रहा है और क्यों झूठ बोल रहा है?
Comments are closed.