रांची-लोग सोलर एनर्जी को ज्यादा बढ़ावा दें – मुख्यमंत्री

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रांची।

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झारखण्ड में अब एक से अधिक गाड़ियां रखने वाले लोगों को दूसरी गाड़ी के लिए ज्यादा टैक्स देना होगा, सरकार इसके लिए जल्द ही नियम बनायेगी। राज्य में बदल रहे पर्यावरण के लिए AC वाली गाड़ियां भी जिम्मेदार हैं। सरकार जल्द ही हर विभाग में पर्यावरण संरक्षण के लिए टास्क फोर्स बनायेगी ताकि किसी भी योजना, परियोजना को धरातल पर उतारने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि इससे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान तो नहीं हो रहा, उपरोक्त बातें माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित CONNECTING PEOPLE TO NATURE कार्यक्रम में कही।
श्री दास ने कहा कि झारखण्ड के लोग वर्षों से यहां के जल जंगल के संरक्षण का काम कर रहे हैं, लेकिन बदलते वक्त के साथ विकसित समाज के लिए हमने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में प्रत्येक विभाग जल प्रबंधन, भू-जलस्तर की दिशा में काम कर रहा है। श्री दास ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ी को हरा-भरा और संसाधन युक्त झारखण्ड दें। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सोलर एनर्जी को ज्यादा बढ़ावा दें और अपने घरों में भी सोलर एनर्जी प्लेट लगायें। LED BULB, LED TUBELIGHT, LED FAN का उपयोग करने से बिजली की ज्यादा बचत की जा सकती है। श्री दास ने कहा कि सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई एक्ट बनाये हैं लेकिन अब एक्ट के साथ एक्शन की भी जरुरत है। उन्होंने राष्ट्रीय गीत “सुजलम सुफलम मलयज् शीतलम” की पंक्ति के महत्व को बताते हुए कहा कि जन भागीदारी से ही हम “वंदेमातरम्” को अभिमान से कह सकेंगे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पर्यावरण संरक्षण स्मारिका का विमोचन भी किया साथ ही पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य के जिलों में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि जलवायु, पर्यावरण के प्रति पूरा विश्व चिंतित है। झारखण्ड सरकार काफी पहले से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है। सरकार 1000 मेगावाट बिजली सोलर एनर्जी से तैयार कर रही है, पिछले 17 वर्षों में राज्य में 24 करोड़ पेड़ लगाये गये हैं, इस वर्ष 2 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है। साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत लोगों के बीच एलपीजी गैस का वितरण किया गया है जिसके उपयोग से 10-15 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन को रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज नए पेड़ लगाने से ज्यादा पुराने पेड़ को बचाने की जरुरत है साथ ही हमें अपनी योजनाओं को लागू करने में भी पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना होगा।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले हमें सामान कागज के थैले में मिलता था लेकिन अब प्लास्टिक बैग का उपयोग हो रहा है। जल स्तर की कमी के कारण लोगों को पानी की समस्या भी हो रही है। सरकार ने विगत वर्षों में 6 लाख डोभा के माध्यम से भूमि जलस्तर को बढ़ाने का प्रयास किया है। साथ ही पुराने तालाब और छोटी परियोजनाओं का जिर्णोद्धार कर पानी की कमी को कम करने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण असंतुलन से नुकसान सिर्फ इन्सानों को ही नहीं बल्कि धरती पर रहने वाले अन्य पशु-पक्षी, जीव-जन्तु, पेड़-पौधों को भी हो रहा है। 2030 तक विश्व की आबादी 7 बिलियन हो जायेगी जिसकी जरुरतों को पूरा करने में प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग होगा। ऐसे में हमें री-साइकिल पर जोर देने की जरुरत है ताकि हम कम से कम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें। आज हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के लिए कृतसंकल्पित होने की जरुरत है।
कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर आर हेम्ब्रम, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष श्री ए के पांडेय, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव श्री संजय कुमार सुमन सहित अन्य विभागीय अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद थे।

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