चाईबासा।
सदर थाना क्षेत्र के गांधी टोला में रिमा डे की ससुराल वालों ने ही जहर देकर हत्या आज से सात वर्ष पहले मृतिका रिमा डे की पति द्वारा कर दिया गया था. सात साल बाद मंगलवार को दुतियश्रेणी के न्यायलय के न्यायाधिश रामाकांत मिश्रा के द्वारा रिमा डे की हत्या में शामिल पांच लोगों के बिरूद्व आजीवन कारावासा की सजा सुनाई गई है.
इस फैसले से रिमा डे के परिजनो में खुशी है और न्यायालय के फैसले से संतुष्ट है. रिमा डे के परिजनों ने कहा कि रिमा को न्याय मिला है हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है.ज्ञांत हो की रिमा डे टुंगरी की थी उसकी शादी प्रेम विवाह के रूप में गांधी टोला में हुई थी. रिमा की शादी 4 जुलाई 2008 को हुई थी .इसके बाद रिमा को उसके ही ससुराल वालों 4 जुलाई 2010 जहर देकर उसकी हत्या कर दी. बाद में रिमा की पति द्वारा रिमा के घर वालों को फोन कर सुचना दी गई की रिमा बिमार है आकर मिल लें.इस सुचना को पाते ही रिमा के पिता डाॅ गोस्वामी के पास भेंट करने गया तो पता चला की रिमा अपना घर में है.घर जाने के बाद रिमा सोई हुई मिली जिसका शरिर पुरी तरह ठंढ़ा हो गया था.और उसके गले पर दाग पाया गया.छान बीन करने पर पता चला कि उसे जहर देकर हत्या कर दिया है.लाश को छुपाने के लिए रिमा के पति और ससुरवालों नें काफी प्रयास किया लेकिन पोस्टमार्टम से लेकर पुलिस तपतिस तक की रिपोर्ट मृतिका रिमा डे के पक्क्ष में आता रहा.इसके बाद सदर थाना में मामला दर्ज हुआ.बाद रिमा की हत्या के आरोप में पति जेल गया था.उसके बाद से आज तक मामलें पर सुनवाई चल रही थी और अंतः मंगलवार को न्यायाधिश रामाकांत मीश्रा के अदालत में श्री मिश्रा के द्वारा रिमा डे की हत्या करने के आरोप में मृतिका रिमा के पति, देवर, दो मां व ससुर के बिरूद्व आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
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