राहूल राज
जहानाबाद।
काको थाना क्षेत्र के नदियावां गांव से 12 अप्रैल को गायब दीपक (7 वर्ष) का शव पुलिस ने गांव के ही एक गनौरा के ढेर से बरामद किया। इसके साथ ही इस कांड में जुड़े आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शव को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। अंधविश्वास से जुड़े इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि दरअसल गांव के ही राधे श्याम की पत्नी को शादी के सात-आठ साल बीत जाने के बाद भी संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी। चिकित्सकों से इलाज कराने के बाद भी जब उसे सफलता नहीं मिली तो उसने गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के ओर गांव निवासी राधेश्याम की पत्नी संगीता देवी से संपर्क किया। वह खुद तो बांझ थी लेकिन औरों को संतान सुख प्राप्ति का झांसा देते हुए झाड़ फूंक करती थी। दोनों पति पत्नी उक्त भक्तिन के चक्कर में आ गए और इलाज कराना शुरू कर दिया। एसपी ने बताया कि आठ दस महीने के झाड़- फूंक के क्रम में ही सुषमा गर्भवती हो गई। भक्तिन उसे प्रत्येक शुक्रवार को बुलाती थी एवं तंत्र मंत्र के जरिए इलाज का झांसा देती थी। एसपी के अनुसार गभर्वती होने के बाद भक्तिन ने बताया कि अब अंतिम महीने में एक बच्चे को बलि देना होगा। बलि देने के बाद ही तुम्हें ¨जदा पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। फिर क्या था सुषमा एवं उसके पति राधेश्याम बलि की जुगाड़ मे लग गए।
एसपी के अनुसार उसके पड़ोस के जितेंद्र पंडित एवं ममता देवी का बेटा दीपक सुषमा के घर प्रतिदिन टीवी देखने के लिए आता था। दंपती को इससे बढि़या जुगाड़ नहीं मिल सकता था। यही सोचकर दोनों ने फिर से भक्तिन से संपर्क किया। भक्तिन ने बली के लिए एकम तिथि 12 अप्रैल का दिन तय किया। निर्धारित तिथि को भक्तिन भी वहां पहुंच गई। प्रतिदिन की तरह मासूम दीपक जब अपनी बहन के साथ टीवी देखने आया तो दोनों पति-पत्नी ने उसकी बहन को चाउमिन लाने के बहाने बाहर भेज दिया। तत्पश्चात मासूम को कमरे में बंद कर बलि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार पहले बच्चे का सर का मुंडन किया। तत्पश्चात तिलक चंदन लगाकर घर में ही रखे गए बाल्टी में उल्टा लटाकर पानी में डूबो-डूबोकर मार डाला। इस शर्मसार करने वाली घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसपी ने कहा कि उसकी हत्या करने के बाद शव को बोरे में बांधकर आंगन में रखे गए ईंट के पास छुपा दिया। रात होने के बाद एक गनौरे में गड्ढा करते हुए गाड़ दिया।
कांड के उद्भेदन की जानकारी देते हुए एसपी ने कहा कि बच्चे के गायब होने के बाद से ही शक की सुई राधेश्याम एवं उसकी पत्नी पर गई थी। पुलिस उनकी गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलन भी किया जा रहा था। वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के जरिए प्राथमिकी में आए दो मोबाइल नम्बरों का ट्रै¨कग के बाद गांव के ही सुरेंद्र ठाकुर एवं राधेश्याम का नाम आया। इन नम्बरों के निगरानी के बाद जब यह प्रमाणित हो गया कि इसमें राधेश्याम एवं उसकी पत्नी का ही हाथ है तो पुलिस की टीम ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। प्रश्न प्रति प्रश्न से अंतत: राधेश्याम टूट गया और उसने इस हत्याकांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली। डॉग स्क्वायड की टीम के देखने के बाद उसका बचा हुआ धैर्य टूट गया और उसने सबकुछ उगल दिया। उसकी निशानेदही के बाद बेलागंज निवासी भक्तिन एवं उसके पति को गिरफ्तार किया गया। तत्पश्चात सुषमा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
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