सहरसा-एक बार फिर से कलंकित होने से बच गई बनमा-ईटहरी की धरती

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पब्लिक अगर सजग नही होती तो शहीद की सूची में जुड़ने सकती थी ओपीध्यक्ष का नाम
जांबाज डीएसपी सतपाल सिह की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था बनमा-ईटहरी


सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की विशेष रिपोर्ट :-
बख्तियारपुर पुलिस सर्किल क्षेत्र के बनमा इटहरी प्रखण्ड के तैलियाहाट बाजार में हुए ओपी अध्यक्ष पर गोलीकांड के बाद पूरे बनमा व तैलियाहाट बाजार में दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। वही दिन भर पुलिसिया गतिविधि के बीच छापेमारी का भी सिलसिला जारी रहा। अगर यहां के ग्रामीण इस बार सजग नही रहती तो फिर एक बार बनमा की धरती एक और पुलिस बाले के खून से कलंकित हो जाती। जैसा कि इसी बनमा की धरती पर 19 वर्ष पूर्व जांबाज डीएसपी सतपाल सिह की हत्या कुख्यात अपराधीयों के द्वारा कर इस धरती को कलंकित करने का काम किया था।
कब और कैसे हुई थी डीएसपी कि हत्या –
खगडि़या-सहरसा सीमावर्ती क्षेत्र के बनमा ओपी के नौनहा गांव के चमराही टोला में जफर वासा पर 7 दिसंबर 1998 को घातक हथियारों से लैश करीब एक दर्जन अपराधी के ठहरने कि सुचना डीएसपी सतपाल सिहं को लगी ।वे कुछ पुलिस बल के साथ नौनहा गांव पहुंच गये,देर रात तक अपराधियों कि घेराबंदी करते रहें सुबह होने पर अपराधियों को आत्मसमर्पण करने को कहा लेकिन अधुनिक हथियारों से लैस अपराधियों ने पुलिस पर अंधाधुध फायरिंग करना शुरू कर दिया,स्वयं डीएसपी एवं पुलिस बल ने जबावी फायरिंग करने लगा,इसी क्रम में अपराधियों कि एक गोली हवलदार गणेश रजक को जा लगी,उसके कुछ देर बाद एक गोली डीएसपी सतपाल सिह को भी लग गई और डीएसपी कि मौत हो गई।
आज की घटना में जनता बनी हीरो – पुलिस बनी जीरो-
शनिवार सुबह हुए गोलीकांड में जनता की सजगता ने बनमा ओपी अध्यक्ष जितेंद्र सहनी की जान बचा दी.बताया जाता है कि शनिवार दोपहर लगभग एक बजे के करीब बनमा ओपी अध्यक्ष जितेंद्र सहनी दुपहिया वाहन से अवर निरीक्षक सिंघेश्वर पाठक के साथ बनमा बाजार जा रहे थे इसी दौरान टेम्पो स्टैंड के निकट स्थित सोमन इलेक्ट्रॉनिक्स पर खड़े तीन लोगो की गतिविधि पर ओपी अध्यक्ष को शंका हुई.जिसके बाद ओपी अध्यक्ष ने अनि को युवकों की तालाशी लेने को कहा. तालाशी के दौरान ही युवकों के पास हथियार होने की अनि ने ओपी अध्यक्ष को इशारा किया.जिसके बाद ओपी अध्यक्ष ने युवकों को पकड़ना चाहा परंतु तब तक दो युवक भाग खड़े हुए और एक युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया.तत्पश्चात पकड़े गये युवक और ओपी अध्यक्ष में हाथापाई होने लगी और इसी बीच अचानक पकडे गये युवक ने गोली चला दी, जो गोली ओपी अध्यक्ष के कमर के पास कपड़े को छूते हुए निकली.वही युवक जैसे ही दूसरी गोली चलाने वाला था कि पास के पान दुकान पर बैठे अयूब नामक व्यक्ति दौड़ कर उस युवक पर कूद पड़ा.अयूब को कूदते देख आसपास के सैकड़ो लोग भी युवक पर टूट पड़े.जिसके बाद बमुश्किल युवक पर काबू पाया गया और ओपी अध्यक्ष ने युवक को गिरफ्त में लेकर बघनमा ओपी पहुंची।
ओपी अध्यक्ष को देखने की लगी रही भीड़-
शनिवार दोपहर जैसे ही बनमा इटहरी में ओपी अध्यक्ष जितेंद्र सहनी पर गोली चलने की खबर प्रखण्ड में फैली, त्यों – त्यों बनमा ओपी पर बनमा के ग्रामीणों का जुटना शुरू हो गया.सभी ग्रामीण बनमा ओपी अध्यक्ष देखने के लिए व्याकुल दिखे.जिस वजह से बीच- बीच में भीड़ बढ़ने पर बनमा ओपी अध्यक्ष जितेंद्र सहनी ओपी के बाहर आ कर ग्रामीणों से मिलते और ग्रामीणों को धैर्य रखने को कहते, इस दौरान ओपी पर कई महिलाये रोती हुई भी दिखी.रोटी हुई महिलाओं ने बताया कि बड़ा बाबू, काफी निक लोग छैय और उनकरा साथ ऐना भैले जे बड़ दुःख के बात छैय।
हथियारों का अड्डा बनता बनमा
सहरसा – खगड़िया जिला की सीमा पर स्थित बनमा इटहरी हमेशा से अपराधियो का सॉफ्ट जोन रहा.सीमावर्ती इलाकों का विकास से दूर रहना यहां अपराध पनपने की मुख्य वजह में से एक है.शनिवार को हुई गोलीकांड में घटनास्थल से पकड़ाये हेमंत कुमार साजन ने हथियार खरीदने की बात स्वीकार की है, जो बनमा के हथियार के गढ़ पर बढ़ने की बात को मजबूती देता है.विश्वस्त सूत्र बताते है कि बनमा इन दिनों अपराध तस्करी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.यहाँ छोटे हथियार काफी बड़ी मात्रा में बनाये जाते है और ग्राहकों को डिलेवरी तक दी जाती है.परन्तु प्रशासन कान में तेल डाल कर सोया रहता है, जो चिंताजनक है.इस सम्बन्ध में डीएसपी अजय नारायण यादव ने बताया कि समय – समय पर गुप्त सूचना मिलने के उपरांत छापेमारी की जाती है और आगे भी छापेमारी जारी रहेगी।
कौन है मुख्य सरगना-
शनिवार दोपहर बनमा गोलीकांड में पुलिस के हत्थे चढे हेमंत कुमार साजन का सम्बंध कुख्यात अपराधी कौशल यादव के साथ बताया जाता है.उत्तर बिहार का कुख्यात और बीते कई सालों से विभिन्न थानों के लिए सर दर्द बन चूका कौशल यादव कुछ महीनों पूर्व बख़्तियारपुर थाना अंतर्गत बलवा हाट ओपी के मोहनिया गांव से गिरफ्तार किया गया था.गिरफ्तारी सुबह चार बजे के लगभग उस वक्त हुई जब कौशल यादव अपने घर पर सो रहा था.

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