सहरसा-रूपये नही देने पर प्रसव पीड़ीत महिला को रेफर कर देने पर सड़क पर जना था बच्चा

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सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट ।
बीते 20 दिसम्बर की रात्रि सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव कक्ष में उपस्थित एएनएम के द्वारा प्रसव कराने के लिये रूपये नही देने पर सहरसा रेफर कर देने के बाद उक्त महिला ने अस्पताल से महज कुछ दुरी पर सड़क किनारे एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने व दुसरे दिन नवजात को टीका लगाने के समय अशोभनिय व्यवहार किये जाने के मामले में सिविल सर्जन सहरसा ने सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की है।
सिविल सर्जन द्वारा स्पष्टीकरण के तहत पूछे गये सवालो में एएनएम द्वारा मांगे गये पैसे, दवा की कमी और रैफर के तरीकों पर जल्द-से-जल्द जवाब समर्पित करने को कहा गया है। स्पष्टीकरण में साफ तौर पर कहा गया है कि उस दिन मरीज के परिजनों ने जब वरीय पदाधिकारी से मोबाईल पर बात करने को कहा गया तो उपस्थित कर्मी ने बात करने से इंकार कर दिया जिसके बाद वहां कार्यरत डाक्टर राजेश कुमार वर्मा से बात करने पर मरीज को चिकित्सा उपल्बध कराई गई बातचीत के क्रम में डा वर्मा ने दवा नही होने की बात कहीं थी जबकि एक दिन पूर्व 20 दिसंवर को ही अस्पताल को दवा मुहैया कराई गई थी। स्पष्टीकरण में कहा गया कि सभी आरोपित से मंतव्य लेकर स्वयं के मंतब्य के साथ जबाब देने को कहा गया।
ज्ञात हो कि बीते साल 22 दिसंबर 16 को दैनिक सोनभद्र व विभिन्न समाचार पत्रों ने उक्त मामले को लेकर प्रमुखता से खबर छाप मामले को प्रकाश में लाने का काम किया था।
यहां बताते चले कि बीते साल 21 दिसंबर की अहले सुबह अस्पताल से जुड़े डॉक्टर की लापरवाही की वजह से प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती महिला के द्वारा अवैध राशि नहीं देने पर रेफर किये जाने को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया था.बताया जाता है कि 20 दिसम्बर की रात लगभग करीब दस बजे सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल मेंसैनी टोला निवासी ज्योति कुमारी को परिजनों ने भर्ती कराया.वही जब मध्य रात्री में प्रसव पीड़ा बढ़ने पर पीड़ित के परिजनों ने नर्स कक्ष में सोई नर्सो को उठाया तो परिजनों के मुताबिक नर्सो ने ईलाज के बदले रूपये की मांग की जिसपर परिजनों ने पैसे देने से इंकार कर दिया और प्रसव पीड़ा से कराह रही मरीज को सहरसा रेफर कर दिया और मरीज जैसे ही सहरसा के लिए रवाना हुई, कुछ ही दूरी पर ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई.तत्पश्चात अहले सुबह अँधेरे अस्पताल से कुछ कदम की दूरी पर बच्चे का जन्म हो गया और जब परिजन मरीज को अस्पताल ले कर लौटे तो मौजूद चिकित्सको ने मरीज को भर्ती करने से इंकार कर दिया.

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