अररिया-शिक्षा विभाग से जुड़े मामले की जांच एस आई टी से कराने के मांग के साथ डीईओ ,डीपीओ को निलम्बित की मांग उच्च न्यायालय से

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अररिया ।

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जिला शिक्षा विभाग की मनमानी और भ्रष्ट रवैये को देखकर बिहार विकास युवा मोर्चा संस्थापक सह अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने मुख्य न्यायाधीश,उच्च न्यायालय पटना को पत्र लिखा । पत्र की प्रतिलिपि प्रधान सचिव शिक्षा विभाग,मद्यमिक शिक्षा बोर्ड के डायरेक्टर,शिक्षामंत्री,मुख्यमंत्री और शिकायत कोषांग के सचिव को भेजा ।  पत्र  में लिखा है की अररिया में डीईओ और डीपीओ की मिलीभगत से जमकर लूट और रिश्वत बटोरा जा रहा है ।  मोर्चा के द्वारा गायब ऑरिजनल शिक्षक,फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक का लिस्ट,विधालय भवन निर्माण गबन का लिस्ट,बेच डेस्क के लिए दिए राशि में गबन,उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर जम्मू काश्मीर से प्राप्त प्रमाण पत्र
पर नियोजन करना,कुछ विधालय के निरीक्षण के बाद मोटा रिश्वत लेकर जाँच मुक्त करना व् अन्य इस तरह के कई मामले विभाग के संज्ञान में दिया । लेकिन विभाग है की इस मामले को दबाये बैठी है । आगे मोर्चाध्यक्ष श्री कृष्ण ने गम्भीर आरोप लगाते हुए लिखा की इन  सब मामले में राजनंदन पोद्दार,नविन बर्मा,नवीन कर्ण,ईश्वरचंद,अवधेश यादव,उमेश यादव व इनके अन्य सहयोगी सामिल है । इनलोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र पहले उपलब्ध कराया फिर नियोजन करवाने में मदद किया । इसके एवज में करोड़ों की राशि रिश्वत के तौर पर वसूली गई । इस महान कार्य को सफल बनाने में और अभी इस कारनामे को छुपाने में डीईओ और डीपीओ स्थापना की भी मुख्य भूमिका है । इस मामले को दबाने के लिए डीईओ ने 25लाख और डीपीओ ने 15लाख का रिश्वत लिया । ये जानकारी मुझे सूत्रो से मिली है । सभी मामले की जानकारी के बाद कार्यवाही ना करने से ये शक यक़ीन में बदल गया । निवेदन करते हुये श्रीं कृष्ण ने दर्शाया है की  आप डीईओ और डीपीओ के नम्बर का कॉल डिटेल निकालवायेंगे तो देखेंगे की इन दोनों अधिकारी का सबसे जादे बात उपर्युक्त नाम के शिक्षक कम पेसे से दलाल के फोन पर होगा । क्यों ? ये सभी शिक्षक आज तक कभी भी स्कुल नही गया है । क्योंकि येलोग बड़े अधिकारी को मासिक कमीशन देता है । इतना कुछ होने के बाद भी जब कुछ ना हो तो आँख रहते हुए अंधा होना पडेगा । इस स्थिति में शिक्षा का स्तर कैसे अच्छा होगा । इस तरह के लोग शिक्षा विभाग के लिए कैंसर साबित हो रहा है जो पूरा समाज को गंदा कर देगा । ऐसे लोगों के कारण आज लोग शिक्षक को इज्जत तक नही देते । ये दूरभाग्यपूर्ण नही तो और क्या । मोर्चा सदस्य ने लिखा है की विभाग के द्वारा कार्यवाही नही करने से काफी निराश हैं ।  हमसब ये उम्मीद और विश्वश करते है की आप इन अधिकारियों को पहले निलंबित करेंगे और एसआईटी गठित टीम से इस पुरे मामले की जांच करवाएंगे । ताकि आगे से कोई भी अधिकारी उच्च न्यायालय के आदेश का मजाक ना उड़ा सके और आम जन को कानून पर भरोशा बनी रहे । मोर्चा द्वारा उजागर जनहित में सभी मामलों पर अविलम्ब कार्यवाही की मांग मोर्चा के मिथलेश यादव,धीरज पासवान ने भी किया ।

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