JAMSHEDPUR NEWS:नो इंट्री के टाइम में परिवर्तन किया जाएःसरयू राय

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-दिन में टिमकेन गोलचक्कर से वाहन न गुजरें
-जरूरी हो तो रात 11 से सुबह 5 के बीच नो इंट्री खोलें

जमशेदपुर। विगत तीन दिनों से मैं मानगो पुल पर लगने वाले जाम के संबंध में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से वार्ता कर रहा हूं परंतु अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. जिला प्रशासन और जिला पुलिस को अतिक्रमण के नाम पर कतिपय दुकानों को हटाने संबंधी सतही कदम उठाने के बदले में जाम से मुक्ति के लिए ठोस उपाय करना होगा.

पहली बात तो यह कि भारी वाहनों के नो इंट्री के समय में बदलाव करना जरूरी है. दिन के समय में पूरा समय नो इंट्री लागू किया जाए और जरूरी हो तो रात में 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच नो इंट्री खोला जाए.

दूसरी बात यह कि मानगो चौक पर और साकची की तरफ टिमकेन गोलचक्कर पर पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस बल की व्यवस्था की जाए. यह पुलिस बल प्रशिक्षित बल होना चाहिए. किसी भी कांस्टेबल को खड़ा कर देने से यहां का ट्रैफिक नियंत्रण संभव नहीं है.

तीसरी बात यह कि मानगो पुल के साकची छोर पर स्थित टिमकेन गोलचक्कर पर डोभो और सरायकेला की ओर से आने वाले और टाटा स्टील की फैक्ट्री में जाने वाले भारी वाहनों के लिए नो इंट्री खोलने के समय वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टिमकेन गोलचक्कर के पास भारी वाहन अनावश्यक रुप से खड़ा न रहें.

चौथी बात यह कि मानगो फ्लाईओवर बनाने के लिए सड़क की जो घेराबंदी की गई है, उसका दायरा छोटा किया जाए. जहां काम पूरा हो गया है, वहां से घेराबंदी हटा ली जाए.

गौरतलब है कि टाटा स्टील ने अपने पानी के पाइपलाइन और बिजली का ढांचा नीचे से हटाने के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग पथ निर्माण विभाग से किया है. जब तक पानी का पाइप लाइन और बिजली का ढांचा हटेगा नहीं, तब तक फ्लाइओवर बनने का काम आगे नहीं बढ़ सकता. संभावना है कि इसके कारण फ्लाईओवर बनने का काम कुछ दिन रुके. कारण यह है कि जो काम फ्लाईओवर निर्माण की शुरुआत में हो जाना चाहिए था, वह आज तक नहीं हो सका है. इस कारण से विकास योजनाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप का प्रतिकूल प्रभाव इस योजना पर पड़ने वाला है. हर हालत में मानगो पुल के साकची छोर पर स्थित टिमकेन गोलचक्कर के पास ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए प्रभावशाली व्यवस्ता करना जरूरी है. इसके अलावा जाम से मुक्ति के लिए कोई दूसरा उपाय नहीं है.

मुझे उम्मीद है कि जाम से मुक्ति के लिए सतही उपाय करने के बदले में जिला पुलिस और जिला प्रशासन व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हुए जाम से मुक्ति की समस्या की तह में जाकर जनहित में इसका नियंत्रण करने के ठोस उपाय करे. नहीं तो रोजाना जनता को जाम की समस्या से जूझना होगा. सुबह के समय 6 से 7 बजे के बीच जाम लग जाने से बच्चों के स्कूल पहुंचने में देर हो जा रही है. नतीजतन स्कूल वाले उस दिन के लिए बच्चे को क्लास करने से मना कर दे रहे हैं.

आज प्रातः साढ़े 6 से साढ़े 7 बजे तक मैंने मानगो गोलचक्कर पर पुलिस के ट्रैफिक नियंत्रण की स्थिति को देखा और फिर दोबारा 3 से साढ़े 3 बजे तक उक्त स्थान पर जाम की समस्या का मुआयना किया. दोनों ही समय में मैंने पाया कि ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं हैं. सुबह में तो केवल अवर निरीक्षक स्तर के दो अधिकारी सुबह में थे. दोपहर बाद वहां केवल दो कांस्टेबल उपस्थित थे. यह व्यवस्था अर्पयाप्त है. दोनों ही समय में पुलिस अधिकारियों के साथ कम से कम 4 कांस्टेबल मानगो चौक पर तैनात रहने चाहिए ताकि तीन तरफ से आने वाली टैफ्रिक को नियंत्रित किया जा सके.
मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि नो इंट्री के समय में परिवर्तन किया जाए. दिन में किसी भी भारी वाहन को मानगो चौक और टिमकेन गोलचक्कर से गुजरने की इजाजत न दी जाए. यदि जरूरी हो तो रात 11 से 5 के बीच ही नो इंट्री को खोला जाए.

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