जमशेदपुर।
भोजपुरी नवचेतना मंच के नेता अप्पू तिवारी व भाजपा नेता दिनेश कुमार के संयुक्त तत्वाधान में स्टील स्ट्रिप व्हील्स कंपनी के मज़दूर विरोधी नीतियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान ‘मज़दूर सत्याग्रह’ के तहत आज राज्य के श्रम मंत्री राज पलीवाल से हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग की गयी है । रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भेजी गयी पत्र में त्वरित संज्ञान लेकर पीड़ित श्रमिकों को न्याय दिलाने हेतु आग्रह किया गया है । पीड़ित श्रमिकों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र में बताया गया है की कंपनी प्रबंधन की दमनकारी नीतियों से श्रमिक बेहाल हैं । शिकायतों के बावजूद श्रम विभाग कार्यवाई नहीं करती । उप श्रमायुक्त व श्रमाधिक्षक कंपनी में किये गये औचक निरिक्षण में श्रम कानूनों के तहत अनियमितताओं के उजागर होने के बाद भी कंपनी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाई न कर त्रिपक्षीय वार्ता के माध्यम से विवाद का निपटारा करने के पक्षधर हैं । श्रमिक अधिकारों के रक्षार्थ नियुक्त पदाधिकारीगण कंपनी-एजेंट की सक्रीय भूमिका निभा रहे हैं । पत्र में अस्थाईकर्मी धर्मवीर कुमार के संग कंपनी अधिकारीयों द्वारा किये गये अप्राकृतिक दुराचार मामले में पुलिस की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए लिखा गया है की आपराधिक मामलों में श्रमिकों के लिखित शिकायतों के बावजूद न तो प्राथमिकी दर्ज़ हुई और न हीं कोई ठोस कार्यवाई हुई । आरोप लगाया गया है की पुलिस और कंपनी प्रबंधन के गंठजोड़ से आरोपित कंपनी अधिकारियों को ज़िले से बाहर दुसरे कारखाने में स्थानांतरित करवा दिया गया है । पत्र में आशंका व्यक्त की गयी है की स्टील स्ट्रिप व्हील्स मामले में भोजपुरी नवचेतना मंच व भाजपा के संयुक्त माँग-पत्र के आलोक में 27मई,2016 को श्रमाधिक्षक-1 द्वारा बुलाई गयी त्रिपक्षीय वार्ता में विभाग श्रमिकों को न्याय से वांछित रख कंपनी को लाभ पहुँचाने की भूमिका निभाएगी । इसके आलोक में माँग किया गया की इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेकर सम्बंधित पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाई सुनिश्चित हो । उक्त जानकारी भोजपुरी नवचेतना मंच की ओर से ज़ारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी । इस मामले में आंदोलनरत भाजपा नेता दिनेश कुमार ने बताया की ज़िला प्रशासन व कंपनी प्रबंधन के गलत नीतियों और संवेदन शून्य रवैये की लिखित शिकायत शहराग्मन पर सूबे के मुख्यमंत्री से भेंटकर की जाएगी ताकि श्रमिकों को न्याय मिल सके व् दोषी दंडित हों ।
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