Jharkhand Assembly Elections : जमशेदपुर पूर्वी से अमरप्रीत सिंह लड़ेगे चूनाव, जानिए किस दल की है उन पर नजर
जमशेदपुर।
चुनाव आयोग के अनुसार जमशेदपुर(पूर्वी) सीट के लिए पहले चरण में 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।इसके लिए 18 अक्टुबर से अधिसूचना लागू हो गई है। वर्ष 2019 के विधानसभा चूनाव के तरह इस बार भी जमशेदपुर(पूर्वी) विधानसभा सीट पुरे झारखंड में हॉट सीट बना हुआ है। जमशेदपुर पूर्वी सीट से पिछली बार रघुवर दास खुद चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं और इस सीट से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होना बाकी है। हालांकि चर्चा है कि पार्टी रघुवर दास की बहू पूर्णिमा ललित दास को यहां से मैदान में उतार सकती है।वही दुसरी ओर भाजपा पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले का नाम भी जमशेदपुर(पूर्वी) सीट के लिए राजनितिक गालियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी के केन्द्र स्तर के नेता सिख वोट को सांधने के साथ –साथ गुटबाजी को समाप्त करने के उद्देश्य से काले के नाम पर मोहर लगा सकते है।
पुर्णिमा ललित दास सोशल मीडिया के पोस्ट पर बटोर रही हैं सुर्खियां
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पांच पर चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन फिलहाल वो झारखंड की राजनीति से दूर ओडिशा में राज्यपाल के संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि चुनाव निकट आने के बाद रघुवर दास झारखंड की राजनीति में वापस लौट सकते हैं। लेकिन हाल ही में असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा का एक बयान है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि रघुवर दास की अभी झारखंड की राजनीति में वापसी नहीं होगी। दूसरी तरफ राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि रघुवर दास अपनी राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए बहू पूर्णिमा ललित दास जमशेदपुर(पूर्वी) से बेटे या बहू के लिए पैरवी कर रहे है। इसी बीच ओड़िशा के राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास का एक सोशल मीडिया पोस्ट खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इस पोस्ट में पूर्णिमा अपनी सास के साथ गोलगप्पे खाते हुए नजर आ रही हैं और चुनावी माहौल का जिक्र करते हुए लोगों से उस जगह का नाम पूछ रही हैं। पूर्णिमा ने अपने फेसबुक पेज पर 9 सेकंड का एक वीडियो और एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह अपनी सास के साथ गोलगप्पे का आनंद ले रही हैं। इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा – ‘चुनावी माहौल एक तरफ़ और गोलगप्पे का मजा एक तरफ, हम महिलाएं अगर माहौल गरम हो न तो वहां हम नरमी से पेश आती है’। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा, -वैसे हम मार्केट आये और गोलगप्पे ना खाए ऐसा तो हो नहीं सकता, बाजार आने पे पता चलता है कि हमारे पास बहुत से विकल्प होते है पर उनमें से उचित मूल्य और गुणवत्ता के आधार पर और इतने विकल्पों में से किसी एक के चुनाव के बाद जब हम थक जाती है तो ये गोलगप्पे ही है जो हम में ओर ऊर्जा भारती है।’ अपने पोस्ट के आखिर में उन्होंने लोगों से सवाल किया, ‘हमारे फेवरेट गोलगप्पे वाले भईया है जगह बताइए कौन सी है?
पूर्णिमा दास , काले या कोई और
वही पूर्णिमा दास के इस पोस्ट के बाद जमशेदपुर(पूर्वी) से भाजपा की टिकट पर उनके नाम की चर्चा जोरो पर चलने लगी है। वही दुसरी ओर काले का नाम भी सक्रियता सूची में आगे है। वैसे संगठन में इस बात की भी चर्चा है कि अगर पुर्णिमा दास को टिकट मिलता है तो भाजपा को जमशेदपुर(पुर्वी) सीट में अंतकर्लह का सामना करना पड़ सकता है।
समाजसेवा की लिए जाने जाते है काले
व्यावासायी अमरप्रीत सिंह काले की पहचान जमशेदपुर और इसके आस –पास समाजसेवी के रुप में की जाती है। काले शहर के कई समाजिक संगठन से जूड़े हुए है। काले की अन्य राजनितीक संगठनों ने उतनी ही पकड़ मंजबूत है जितनी भाजपा में है।वे 25 वर्षो से लगातार समाज सेवा में जूड़े है।इसके अलावे अमर प्रीत सिह काले देश के शाहिदों के नाम से अलग –अलग कार्यक्रम, सावन मे हर –हर महादेव संस्था के बैनर तले भजन संध्या,जरुरत मंदो को राशन पहुंचाना, हर साल जाड़े में गरीबो को हजारों संख्या मे कबंल बांटते है।
जमशेदपुर (पूर्वी) से इनके नाम के भी है चर्चा
जमशेदपुर के पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष रामबाबू तिवारी का नाम की भी चर्चा है वह रघुवर दास के करीबी माने जाते हैं और ब्राह्मण जाति से आते हैं। जमशेदपुर (पूर्वी) में ब्राह्मण जाति के लोग अच्छी संख्या में रहते हैं। सामान्य जाति से शिव शंकर सिंह का नाम भी चर्चा में है। वह क्षत्रिय जाति से आते हैं और जमशेदपुर (पूर्वी) में काफी दिनों से सक्रिय हैं। बाबूलाल मरांडी के करीबी अभय सिंह का नाम भी चर्चा में है। वह भी सामान्य जाति से हैं और जमशेदपुर में हिंदू नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। पिछड़ा वर्ग से रघुवर दास के भगीने और भाजपा महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार का नाम चर्चा में है। इसके अलावा मिथिलेश सिंह यादव का नाम भी चर्चा में है।
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