Jharkhand Assembly Elections :बहरागोड़ा विधानसभा में 2009 से JMM का है राज

100
जमशेदपुर। जमशेदपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत छ विधानसभा आते है।जिसमे तीन विधानसभाजमशेदपुर (पूर्वी), जमशेदपुर (पश्चिम) और बहरागोड़ा समान्यसीट है। बहरागोड़ा विधानसभा दो राज्य ओङिशा और पश्चिम बंगाल से जूङा होने के कारणकाफी महत्वपूर्ण है।इस सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए हर पार्टी जी तोर मेहनतकरते है। फिलहाल यह सीट झारखंड मूक्ती मोर्चा के कब्जे में है। और यहा से समीर महंती विधायक है।
JMM   से समीर महंती या कोई और
वैसे बहरागोड़ा से अभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के समीर महंती विधायक हैं। पार्टी एक बार फिर उन पर विश्वास करते हुए टिकट दे सकती है। लेकिन हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने समीर महंती को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन इस चुनाव में उनके बहरागोड़ा विधानसभा में उनकी उपस्थिति नहीं रही। वही इन सब बातो को आकलन भी पार्टी कर रही है।
कुणाल भी हैं सक्रिय
बहारागोड़ा के पूर्वविधायक कुणाल षाडंगी भाजपा से इस्तीफा के बाद भी बहारागोड़ा मे  सक्रिय  है। इस दौरान वे कई समाजिककार्यक्रम बहारागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में कर रहे हैं। वैसे सुत्रो की माने तो वे इस बार निर्दलीय़ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। और कुणाल से उन्होंने  जेकेएलएम के अध्यक्ष जयराम महतो  भी संपर्क में है। जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।वैसे राजनीतिक गलियारों में कुणाल का नाम भाजपा और झारखंड  मुक्ति मोर्चा में चर्चा में हैं। बतां दे कि वे 2014 विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर बहरागोड़ा  से चुनाव जीते थे। लेकिन वे 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े । लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वे झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बने।लेकिन उन्होंनेबीते लोकसभा चुनाव से इस्तीफा दे दिया। भाजपासे दिनेशानंद गोस्वामी य़ा आभा महतो वैसेभाजपा से कुणाल षाडंगी के  इस्तीफा के बादभाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी एक नबंर पायदान पर आ गए। लेकिन बीते दिनों जमशेदपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के जमशेदपुर के आगमन के एक दिन पहले झारखंड के सह प्रभारी हेंमंता विश्वशर्मा का  पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो और आभा महतो को घर जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया हैं । वही बहरागोड़ा में आयोजित परिवर्तन यात्रा के दौरान पूर्व सांसद  आभा महतो को मंच देने के बाद बहरागोड़ा का राजनीतिक दशा और दिशा बदल दी।
वर्ष 2005 से 2019 के बहरागोड़ा विधानसभा के  परिणाम 
वर्ष 2005 में  डॉ. दिनेश षाड़ंगी भारतीय जनता पार्टी से, 2009 में विद्युत वरण महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा से और 2014 में दिनेश कुमार षाड़ंगी के बेटे कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से जीत दर्ज की. कुणाल षाड़ंगी के भाजपा में आने केबाद बहरागोड़ा से समीर महंती के साथ टक्कर हो सकती है. 2014 में चाकुलिया क्षेत्र के रहने वाले समीर महंती और भाजपा प्रत्याशी डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने भी यहां से चुनाव लड़ा था. बहरागोड़ा से कुणाल षाड़ंगी को 2014 के विधानसभा चुनाव में 57 हजार 973 वोट मिले थे. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी को 42 हजार 618 वोट मिले थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा से समीर महंती 42 हजार 130 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बहरागोड़ा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के समीर महंती जीते थे। उन्हें 106017 मत मिले। जबकि भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कुणाल षाडंगी दूसरे स्थान पर थे। उन्हें 45452 मत मिले थे। जबकि तीसरे स्थान पर सीपीएम के स्वपन कुमार महतो थे। उन्हें मात्र 8167 वोट मिले थे।

 1980 से 1995 हैट्रिक तक सीपीआइ का रहा है गढ़

बहारागोड़ा विधानसभा 1980 से 1995 तक सीपीआइ के कब्जें में रहा ।सीपीआइ नेता देवीपद उपाध्याय लगातार चार बार यहां से विधायक रहे।दे, देवी पद 1980, 1985, 1990 और 1995 के चुनाव में सीपीआई के टिकट पर लगातार चुनाव जीत कर विधायक बने। लेकिन वे 2000 में वे सीपीआइ छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गये। और वहां से भाजपा के  डॉ. दिनेश षाड़ंगी जीत दर्ज की।

कौन विधायक कब रहा 
1967 शिव रंजन खां –निर्दलीय
1969 शिवरंजन खां-निर्दलीय
1972 भीष्ण पांडा घोष- निर्दलीय
1977 भीष्ण पांडा घोष- INC
1980 देवी पदों उपाध्याय-(CPI)
1985 देवी पदों उपाध्याय-(CPI)
1990 देवी पदो उपाध्याय-(CPI)
1995 देवी पदो उपाध्याय-(CPI)
2000  डॉ. दिनेश षाड़ंगी –(BJP)
2005   डॉ. दिनेश षाड़ंगी (BJP)
2009  विद्युत वरण  महतो (JMM)
2014 कुणाल षाडंगी (JMM)
\2019   समीर महंती (JMM)
 ओड़िया भाषा के लोग ज्यादा रहते है
वैसे ओडिशा से सटा होने के कारण इस विधानसभा में उड़िया भाषा-भाषी काफी संख्या में लोग रहते है। इसके अलावे कुर्मी और आदिवासी वोट भी प्रत्याशी के हक में फैसला ले सकते हैं।
क्या है  प्रमुख समस्या
बहरागोड़ा विधानसभा की समस्या को लेकर यहा के वरिष्ठ पत्रकार अरुण बारिक ने कहा कि बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के जनता चिकित्सा, सिंचाई, जंगली  हाथियों के उत्पाद एवं बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां अस्पताल है चिकित्सक, कर्मचारियों का अभाव है। मरीजो का समुचित इलाज का अभाव है। कोई घटना – दुर्घटना से पीड़ित लोगों को रेफर करने के सिवाय अन्य कोई व्यवस्था नहीं है। बहरागोड़ा मैं ट्रामा सेंटर निर्माण के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो या उप स्वास्थ्य केंद्र का हाल बदहाल है। क्षेत्र के किसानों का हाल भगवान भरोसे है। रोजगार के लिए कोई नहीं सृजन नहीं हुई है। बेरोजगारों को भत्ता मिलता और नहीं ही रोजगार। रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्र के युवा वर्ग अन्य लव राज्य  में पलायन का समस्या अगले विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनकर उभर सकती है। मतदाताओं को समझ उम्मीदवारों से जवाब मांग सकते हैं। यहां के प्रमुख  भाजपा एवं झामुमो के उम्मीदवार को इस मुद्दे से घेरे जा सकते हैं। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच तीसरा विकल्प की तलाश में है। लेकिन ऐसा सम्भव   नहीं लगता है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More