JAMSHEDPUR NEWS :नारायणा हॉस्पिटल में 13 दिन के शिशु की मस्तिष्क रक्तस्राव और हाइड्रोसेफलस की सफल सर्जरी

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जमशेदपुर। नारायणा हॉस्पिटल, तामोलिया, जमशेदपुर में 13 दिन के शिशु की मस्तिष्क रक्तस्राव (इंट्राक्रेनियल हेमरेज-आईसीएच) और विशाल हाइड्रोसेफलस की सफल सर्जरी की गयी। इस जटिल सर्जरी को न्यूरोसर्जन डॉ. राजीव महर्षि ने अंजाम दिया, जिनका साथ सीनियर एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ. उमेश प्रसाद और पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अन्वेषा मुखर्जी ने दिया। शिशु गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा था। सर्जरी के बाद अब वह स्थिर स्थिति में है। विशेषज्ञों की टीम शिशु की रिकवरी पर नजर रखे हुए है, और परिवार ने अस्पताल के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है।
इस संबंध में शुक्रवार को साकची स्थित एक होटल में डॉ. राजीव महर्षि ने कहा कि हम इस ऑपरेशन के परिणाम से बहुत खुश हैं। इतने छोटे रोगी पर सर्जरी करना सटीकता और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, और हम उस टीम वर्क और देखभाल पर गर्व करते हैं जिसने इस सफल परिणाम को संभव बनाया। शिशु अब स्थिर स्थिति में है, और हम शिशु के स्वस्थ होने और भविष्य के विकास के बारे में आशावान हैं।
डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि इतने छोटे शिशु के लिए न्यूरोसर्जरी में एनेस्थीसिया देना बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। सर्जरी के बाद, शिशु को नवजात गहन चिकित्सा इकाई में डॉ. अन्वेषा मुखर्जी के अध्यक्षता में रखा गया ताकि किसी भी जटिलता के संकेतों की जांच की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि मस्तिष्क की ठीक से रिकवरी हो रही है।
फैसिल्टी डायरेक्टर विनीत राज ने कहा कि पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी में इस मील के पत्थर को हासिल करना हमारे हॉस्पिटल की उत्कृष्टता की संस्कृति और हमारी टीम की पेशेंट केयर के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने डॉ. महर्षि और उनकी सहयोगी टीम को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दिया। बच्चे के परिवार वालों ने बताया की हम डॉक्टरों और स्टाफ का शिशु की जान बचाने के लिए जितना धन्यवाद करें कम है। उनकी कौशल और दयालुता ने हमें हमारे बच्चे के भविष्य के लिए आशा दी है्। मालूम हो कि बच्चा, हॉस्पिटल में बहुत ही कमजोर स्थिति में आया था, जिसमें मस्तिष्क में बढ़ते दाब के गंभीर लक्षण थे। तत्काल जांच के बाद, चिकित्सा टीम ने बच्चे को वेंटिलेशन पर रखने और तुरंत सर्जरी करने का निर्णय लिया ताकि बच्चे का जीवन बचाया जा सके और न्यूरोलॉजिकल क्षति को रोका जा सके।

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