JAMSHEDPUR NEWS :जमशेदपुर में नगर पालिका की चल रही है डबल इंजन, खामियाजा भुगत रही है जनता–सरयू राय

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जे एन सी पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप, अवैध निर्माण और नक्शा विचलन के हाई कोर्ट में चल रहे मामले में हस्तक्षेप करेंगे सरयू राय,

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जमशेदपुर.

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय अवैध निर्माण सह नक्शा विचलन को लेकर रांची हाई कोर्ट में चल रहे मामले में जरुरत पड़ने पर हस्तक्षेप कर सकते हैं.उन्होंने शनिवार को मामले के याचिकाकर्ता राकेश झा और अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव से मुलाकात भी की है.एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर सरयू राय ने स्वयं उपरोक्त जानकारी दी.उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में दो तरह की नगरपालिका के प्रचलन की वजह से आम जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है.उन्होंने कहा कि गलत नक्शा पास करनेवाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

सरयू राय का प्रेस वक्तव्य
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*श्री सरयू राय, माननीय विधायक, जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र का संवाददाता सम्मेलन में वक्तव्य*
*जमशेदपुर, दिनांक 02.06.2024*

जमशेदपुर में झारखंड सरकार के बिल्डिंग बायलाॅज का घोर उल्लंघन होते आ रहा है, जिसके कारण झारखंड हाईकोर्ट ने नक्शा विचलन कर निर्माण हुए भवनों के अवैध भाग को तोड़ने का स्पष्ट निर्देश दिया है परंतु इस निर्देश का अनुपालन जिला प्रशासन द्वारा और जमशेदपुर अक्षेस द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीका से किया जा रहा है। जिनकी ऊँची पैरवी है उनकी तरफ जिला प्रशासन और जमशेदपुर अक्षेस नजर नहीं उठा रहे हैं। जो अवैध भवन निर्माता सरकार में बैठे लोग, जिनमें मंत्री भी शामिल हैं के दरबार में हाजिरी लगाते हैं, उनके नक्शा विचलन की ओर प्रशासन और अक्षेस का ध्यान नहीं जा रहा है। कुछ अवैध निर्माणों को अंशिक रूप से ध्वस्त कर उच्च न्यायालय में गलत प्रतिवेदन सौंपा जा रहा है। उदाहरण के लिए साकची ठाकुरबाड़ी रोड के प्लाॅट नं. 52 और 46 पर बने अवैध निर्माण और बाराद्वारी के प्लाॅट नं. 122 पर निर्माणाधीन संरचना की अनदेखी की जा रही है, जबकि उच्च न्यायालय द्वारा गठित टीम की सूची में भी ये संरचनाएं शामिल हैं। साकची में ही ‘साकची फार्मा’ के भवन का जी$2 का नक्शा पारित कर 5 तल्ला निर्माण हो गया है और पार्किंग एरिया भी नहीं है। ‘अपेक्स अस्पताल’ के भवन के निर्माण में भी भारी नक्शा विचलन हुआ है और इन भवनों के नक्शा को अनियमित रूप से पारित किया गया है। टीके कंस्ट्रक्शन की रीगल चैक पर बनी बिल्डिंग जिसमें ‘क्रोमा’ और ‘ऑक्सीजन ’ जैसे उपक्रम चल रहे हैं, उनका नक्शा अनियमित होने और अनियमित नक्शा में भी भारी विचलन होने के बावजूद उच्च न्यायालय का आदेश इनपर लागू नहीं हो रहा है। रात 10 बजे तक सामने की सड़क पर 2-3 कतार में वाहन पार्क हुए दिखाई पड़ते हैं।

झारखंड बायलाॅज के सेक्शन 440 में काॅमर्शियल एवं आवासीय भवनों के कितने हिस्से में पार्किंग रहेगा और कितना हिस्सा सैट बैक छोड़ना पड़ेगा इसका प्रावधान है परंतु जिला प्रशासन और जमशेदपुर अक्षेस इन प्रावधान को लागू किए बिना ही नक्शा पारित कर दे रही है। जमशेदपुर अक्षेस में पंजीकृत गलत नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट पर कोई कारवाई नहीं हो रही है। जिन अधिकारियों ने विगत 10 वर्षों में गलत नक्शा पारित किया है उनपर तो सेक्शन 438 का उपयोग ही नहीं हो रहा है, जिसमें अनियमितता बरतने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है।

इससे भी बदतर स्थिति निर्मित एवं निर्माणाधीन भवनों को ‘ऑक्यूपेंशी’ सर्टिफिकेट देने में हो रही है। इसमें जमशेदपुर अक्षेस और टाटा स्टील के टाऊन डिवीजन दोनों द्वारा ही नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। संक्षेप में भवनों का नक्शा पास करने में, इन्हें ऑक्यूपेंशी सर्टिफिकेट देने में और नक्शा पारित करने में घोर धांधली हो रही है। जो सरकारी अधिकारी अनियमितताओं को दूर करना चाहते हैं, विचलन को रोकना चाहते हैं, अवैध निर्माण को ध्वस्त करना चाहते हैं, उनके ऊपर सरकार में बैठे लोगों का राजनीतिक दबाव पड़ जा रहा है।

कल मैं अधिवक्ता श्री अखिलेश श्रीवास्तव और याचिकाकर्ता श्री राकेश झा से मिला और वार्ता किया। वार्ता का यही निष्कर्ष निकला कि जिला प्रशासन और जमशेदपुर अक्षेस के स्तर पर उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने में भारी पक्षपात हो रहा है। इनके द्वारा झारखंड बिल्डिंग बायलाॅज और नगरपालिका अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। जमशेदपुर में दो नगर पालिका चल रही है। एक झारखंड सरकार की और दूसरा टाटा स्टील की। नगर पालिका का यह डबल इंजन अलग अलग पटरियों पर दौड़ रही है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। एक और टाटा लीज से बाहर की बस्तियों को मालिकाना हक देने में नियमों का गलत हवाला देकर अनाकानी की जा रही है तो दूसरी और लीज क्षेत्र और लीज क्षेत्र के बाहर निर्मित एवं निर्माणाधीन भवनों में हो रही अनियमितताओं की ओर आँख मूंदा जा रहा है। इस दोहरी नीति का शिकार जनता इनके बीच पीस रही है। मैंने अधिवक्ता श्री अखिलेश श्रीवास्तव और याचिकाकर्ता श्री राकेश झा को आश्वस्त किया है कि जमशेदपुर में नगरपालिका के दोहरे प्रचलन के चलते आम जनता को हो रहे नुकसान और अवैध भवनों के निर्माण के कारण जनसुविधाओं में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर जनहित में जरूरी हुआ तो मैं उच्च न्यायालय में चल रहे प्रासंगिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हूँ।

ह॰/-
सरयू राय

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