Jamshedpur:कांदरबेड़ा में व्यवसाय रवि अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल की हत्या में पति समेत चार गिरफ्तार
अपडेट--कांदरबेड़ा में व्यवसाय रवि अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल की हत्या में पति समेत चार गिरफ्तार, तीन बार पहले भी हो चुकी थी हत्या की कोशिश,फेल होने पर शूटरों ने पैसे भी किए थे वापस, अपने पूर्व ड्राइवर के माध्यम से पति ने करवाई हत्या, पढिए पूरी रिपोर्ट, कैसे खाना खाकर ढाबे से निकलते ही रवि ने शूटरों को दे दी थी सूचना,साथ ही पढिए, कुछ सवाल जिनके जवाब नहीं मिले
जमशेदपुर/चांडिल /आदित्यपुर
एन एच -33पर कांदरबेड़ा मोड़ के पास 29मार्च की रात जमशेदपुर के व्यवसाई रवि अग्रवाल की गाडी रोककर पत्नी ज्योति अग्रवाल की अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या के मामले में अगले ही दिन ज्योति के पिता ने दामाद के खिलाफ साजिशन उनकी बेटी की हत्या का केस चांडिल थाने में दायर कर दिया था.पुलिस को रवि के विरोधाभासी बयानों से पहले ही शक हो गया था और पिता की ओर से दायर केस के आधार पर पुलिस को कई तकनीकी सबूत हाथ लग गए.आज आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर में सरायकेला एसपी मनीष टोप्पो ने अपनी टीम के साथ मिलकर प्रेसवार्ता की और मामले का आधिकारिक रुप से खुलासा कर दिया.हालांकि पति पत्नी के बीच अनबन के असली कारण स्पष्ट नहीं हो पाए कि आखिर ऐसी कौन सी वजह रही कि रवि अपनी पत्नी को रास्ते से हटाना चाहता था.इस मामले में पुलिस ने पति रवि अग्रवाल समेत कुल चार अपराधियों (पंकज सहानी,रोहित कुमार दूबे और मुकेश मिश्रा)को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.उनके पास से एक देसी कट्टा, मुकेश मिश्रा के पास से घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार,दो एंड्रायड फोन और आरोपी पति रवि अग्रवाल के पास से दो एंड्रायड फोन बरामद किए गए हैं.पति के अलावा पकड़े गए अन्य तीन आरोपी सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बाबूडीह के रहनेवाले हैं.वहीं इस घटना में शामिल दो तीन अन्य लोग फरार हैं.पति रवि अग्रवाल सोनारी आस्था हाईटेक सिटी का रहनेवाला है.
तीन बार हत्या की कोशिश हुई फेल,तब शूटरों ने कुछ पैसे भी कर दिए थे वापस, 26 को हुई थी रेकी, चौथी बार में मिली सफलता, रवि के पूर्व ड्राइवर को मिला था जिम्मा
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रवि अग्रवाल ने अपनी पत्नी ज्योति अग्रवाल को हटाने के लिए अपने पूर्व ड्राइवर मुकेश मिश्रा को दिसंबर 2023में अपनी पत्नी की शूटरों के माध्यम से हत्या करवाने का जिम्मा सौंपा.उसके लिए एक लड़के को मुकेश के माध्यम से साढे चार लाख दिए गए, लेकिन उस लड़के ने काम नहीं किया.फिर मुकेश ने एक अन्य लड़के (इस वक्त फरार) को यह काम सौंपा. जनवरी 2024 को कुल 16लाख की सुपारी तय हुई जिसमें आठ लाख रवि ने दे दिए थे. लेकिन तीन बार हत्या की कोशिश फेल हो गई क्योंकि शूटर आए ही नहीं..इसके बाद शूटरों ने मुकेश के माध्यम से 7लाख रुपये वापस कर दिए क्योंकि काम नहीं हुआ लेकिन एक लाख रख लिए जिसके लिए उनलोगों ने कई कारण गिनाए.उसके बाद मुकेश ने फिर पंकज सहानी को रवि से 2लाख दिलाए (चूंकि 8लाख में 7ही वापस हुए थे और एक लाख अब भी शूटरों के पास था) जिसके बाद शूटरों ने 26मार्च को रेकी किया.हालांकि पुलिस ने ये साफ नहीं किया कि इस रेकी के दौरान क्या रवि अग्रवाल सपरिवार ठीक वैसे ही और उसी जगह पर बाहर खाने गए थे जैसा उन्होंने 29मार्च को किया था.
खाना खाकर निकलते ही रवि ने इंस्टाग्राम पर मुकेश को दे दी सूचना
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आगे पुलिस ने बताया कि 26 की रेकी के बाद 29मार्च को मर्डर का दिन तय हो गया.तय योजना के मुताबिक खाना खाकर रवि अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर मुकेश को सूचित कर दिया कि वह निकल रहा है.सपरिवार बालीगुमा स्थित ढाबा से रात्रि 9बजकर 18मिनट पर वह निकला और मानगो के रास्ते शहर न घुसकर कांदरबेड़ा की ओर चला जबकि वह ढाबे की जगह से काफी दूर है.रास्ते में रवि को दो तीन बार उल्टी हुई और इसी दरम्यान सुनियोजित तरीके से मुकेश अपनी स्विफ्ट कार में शूटरों को लेकर आया और उस जगह पर छोड़कर अपने घर चला गया.पंकज सहानी और अन्य ने कार के अंदर ज्योति को टार्गेट कर गोली चलाई और फरार हो गए.
कार में 11वर्षीय जुड़वा बेटे सवार थे, रांची के एक बोर्डिंग स्कूल में हो गया था दाखिला, 3अप्रैल को बच्चे रांची जानेवाले थे
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घटना के समय रवि और ज्योति के 11वर्षीय जुड़वा बच्चे सवार थे.जानकारी के अनुसार उनलोगों का पहले ही रांची के एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिला हो गया था जहां 3अप्रैल से उन्हें जाना था.
शादी के बाद से ही थी अनबन, पिता के केस और रवि के विरोधाभासी बयानों ने केस को सुलझाया
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रवि अग्रवाल के ससुर यानि मृतका ज्योति के पिता प्रेमचंद अग्रवाल ने घटना के दूसरे ही दिन 30मार्च को चांडिल थाना में दामाद रवि अग्रवाल के ही खिलाफ अपनी बेटी की साजिशन हत्या का आरोप लगाते हुए केस कर दिया था.पुलिस को रवि के विरोधाभासी बयानों को लेकर पहले ही शक था और अब पिता के केस से और भी कई सबूत मिल गए.पिता की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार 2009में शादी के बाद से ही रवि और ज्योति में अनबन शुरु हो गई थी और इधर दो तीन सालों से यह विवाद काफी बढ़ गया था.
मृतका के पिता प्रेमचंद अग्रवाल ने चांडिल थाना को की गई अपनी शिकायत में लिखा है कि 2009में उनकी बेटी ज्योति की शादी सोनारी के रहनेवाले रवि अग्रवाल से हुई थी जिनके जुड़वा बच्चे हैं.आगे उन्होंने लिखा है कि कुछ सालों से बेटी और दामाद के बीच विवाद चल रहा था.खास तौर से पिछले दो तीन सालों से विवाद बहुत बढ़ गया था. एक साल पहले बेटी और दामाद बच्चों के साथ गैंगटाॅक घूमने गए थे जहां विवाद होने पर रवि ने ज्योति का गला दबाने की कोशिश की.किसी तरह ज्योति खुद को बचाकर वापस आई.पिता प्रेमचंद ने अपनी शिकायत में लिखा है कि उनके दामाद ने बेटी ज्योति को जबरन शराब पिलाने की भी कोशिश की थी.विवाद होने पर कई बार उनके परिवार ने समझा बुझाकर मामले को शांत करने की कोशिशें कीं.एक बार ज्योति ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी जिसके बाद रवि अग्रवाल ने एक एफिडेविट तैयार किया था कि ज्योति कुछ भी ऐसा करती है तो वह या उसके परिवार जिम्मेदार नहीं होंगे.प्रेमचंद ने फिर अपनी शिकायत में बताया है कि दामाद रवि अग्रवाल ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व उसे धमकी दे रहे हैं तब उसे एस एसपी से मिलने की सलाह दी थी जिससे उसने इंकार कर दिया था.तब दामाद को रास्ता बदल बदल कर चलने की सलाह दी गई थी.
प्रेमचंद ने अपनी शिकायत में आगे लिखा है कि 21मार्च 2024(हत्या के कुछ दिन पहले) को दामाद रवि ने ज्योति को मायके भेजने की बात यह कहकर की कि या तो घर पर वो रहेंगे या ज्योति.तब मायके के लोग ज्योति को लेकर जुगसलाई आ गए थे.फिर 24मार्च को समझा बुझाकर वापस ज्योति को पति के घर पर भेजा गया था.पिता प्रेमचंद ने आगे शिकायती पत्र में अपने दामाद पर षड्यंत्र के तहत 29मार्च को शहर से बाहर खाना खिलाने के बहाने हत्या करवाने का आरोप लगाया है.
बता दें कि 29मार्च की रात जमशेदपुर से सटे चांडिल थाना क्षेत्र के कांदरबेड़ा चौक के पास एन एच -33पर सोनारी आस्था हाईटेक सिटी के रहनेवाले व्यवसाई रवि अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.बताया गया था कि रास्ते में रवि अग्रवाल को उल्टी महसूस होने पर जैसे ही उन्होंने गाड़ी रोकी कि अपराधियों ने गोली चलाई जो पत्नी ज्योति के सिर में लगी.रवि अग्रवाल अपनी पत्नी ज्योति को लेकर टी एम एच पहुंचे जहां डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.इस घटना के बाद बताया गया कि रवि अग्रवाल ने एक महीना पहले कुछ लोगों द्वारा रंगदारी मांगने की शिकायत सीतारामडेरा थाने में की थी.इस संबंध में बिहार झारखंड न्यूज नेटवर्क की तरफ से जमशेदपुर पुलिस के अधिकारियों और सीतारामडेरा पुलिस से जानकारी लेने की कोशिश की गई तब पता चला कि रंगदारी मांगने की बात पुलिस को एक बार कही गई थी लेकिन बाद में इस संबंध में रवि अग्रवाल की तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं की गई.
रंगदारी की धमकी की चैंबर को नहीं थी जानकारी
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उधर सिंहभूम चैंबर ऑफ काॅमर्स ने डीसी और एस एसपी से मिलकर अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की थी.वहीं रंगदारी के संबंध में अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने भी किसी जानकारी से इंकार किया था.
कुछ सवाल जो अनुत्तरित रह ग ए
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1—आखिर हत्या की वजह क्या रही? क्या सिर्फ अनबन से कोई ऐसा कदम उठाएगा? आखिर ऐसी क्या बात थी कि रवि अपनी पत्नी ज्योति को अपने रास्ते से हटाना चाहता था?
2—हत्यारे हत्या के बाद कैसे भागे?क्या स्विफ्ट के अलावा और भी कोई गाड़ी घटना में प्रयुक्त हुई?
3—जब गैंगटाॅक में ज्योति का गला तक दबाने की कोशिश की बात पिता ने अपनी प्राथमिकी में लिखी है,फिर समझा बुझाककर वापस उसी पति के पास क्यों भेजा गया जहां जान का खतरा था.
4–पुलिस ने बताया कि 26को शूटरों ने रेकी की थी, तो क्या उस दिन भी रवि सपरिवार खाने निकले थे, ठीक उसी जगह?
5–जब नौबत जान लेने तक बन गई थी, गैंगटाॅक में गला दबाने की कोशिश हुई फिर भी उनलोगों के बीच डिवोर्स की कोशिश क्यों नहीं हुई? आखिर ज्योति ऐसे खूंखार पति के साथ क्यों रहने को मजबूर थी?
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