Jamshedpur Co-operative College:ब्लैक कार्बन जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारक एवम् बड़ा खतरा: डा उमा शंकर सिंह
जलवायु में परिर्वतन होना सीधा हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है: डा अमर सिंह
जमशेदपुर: जमशेदुपर को- ऑपरेटिव कॉलेज के विवेकानंद सभागार में शनिवार को “जलवायु परिर्वतन का जैव – विविधता पर प्रभाव “पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के जंतू विज्ञान एवम् वनस्पति विज्ञान विभाग ने आई 0 क़्यू 0 एस 0 सी 0 के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया था । कार्यक्रम की शुरूआत द्धीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा0 उमा शंकर सिंह, आई 0 एफ0एस 0 थे!महाविद्वयालय प्राचार्य डा0 अमर सिंह, आइक्यूएसी की कोर्डिनेटर डा0नीता सिन्हा, सीनेटर ब्रजेश कुमार, अल्यमुनाई सिकंदर,हरजिंदर पाल सिंह, हेमंत कुमार जैना, जफर इकबाल अहमद,सैयद के द्वारा संयुक्त रूप से द्धीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्धघाटन किया गया। महाविद्वयालय प्राचार्य डा0 अमर सिंह ने मुख्य अतिथि डा0उमा शंकर सिंह को शॉल व स्मृति चिन्ह प्रदान करके स्वागत किया। स्वागत भाषण करते हुए प्राचार्य डा0 अमर सिंह ने कहा कि जलावायू परिर्वतन वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनाैति है । जलवायू का परिर्वतन होना सीधा हमारे स्वास्थ्य, नदिओं के स्तित्व, पेड़ – पौधों एवम् फसलों के उत्पाद एवम् जी0डी 0 पी 0को प्रभावित करता है!ग्लोबल वार्मिंग जो जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारक रहा है से सभी जीवों के इंज़ाइम तंत्र प्रतिकूल ढंग से प्रभावित हो रहे हैं! जलवायु परिवर्तन एंजायम गतिविधि को प्रतिकूल तरह से प्रभावित करता है। डॉ0 उमा शंकर singh ने बतलाया की जलवायु परिवर्तन से न केवल अनेकों ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं बल्कि कई तो विलुप्त भी हो गये हैं! बढ़ते कार्बन के साथ पृथ्वी की लोड कर्रीइंग क्षमता जवाब देती जा रही है! उन्होंने बतलाया की हिमालय के ग्लेशियर्स कार्बन की परत जमा होने के कारण काले पड़ गये हैं एवम् सूर्य किरणों को अत्यधिक अवशोषित कर उनके पिघलने की रफ़्तार बहुत बढ़ गयी है! प्राचार्य डा0 अमर सिंह के द्वारा सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह मुख्य अतिथि डा उमाशंकर सिंह अपने व्याख्यान में वर्तमान समय के जलवायु परिवर्तन का सीधा असर कृषि पर होना बताया । जैसे- जैसे धरती का तापमान बढ रहा है। वैसे- वैसे ग्लेशियरस तेजी से पिघलते जा रहा है।सरकार को इसपर गंम्भीरता से ध्यान देना चाहिए। जिसके तहत पेड़ों की कटाई बंद होने का नियम का सख्ती से पालन होना चाहिए।कैचमेंट एरिया में पेड़ों की कटाई से नदियों के जल श्रोतों नष्ट हो गये हैं जिसके कारण कई नदियाँ सूख गयी हैं! कार्यक्रम का संचालन स्नातकोत्तर के छात्र जगजीत ने किया। डा0 स्वाती साेरेन ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के परिचय से सबको अवगत कराया। इससे पूर्व कार्यक्रम में विषय प्रवेश डा0 अनिता कुमारी के द्वारा कराया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 शालिनी शर्मा ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित डा 0संजय यादव,डा0 प्रभात कुमार सिंह, डा0 आर के कर्ण,डा0 अशोक कुमार रवानी,डा0 संजय नाथ,डा0 संगीता कुमारी, डा0 सरस्वती सरकार,डा 0अनुपम,डा0 मधुसुदन महतो, डा0 राजू ओझा, समेंत काफी संख्या में छात्र- छात्राए समेंत शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।
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पौधा रोपण किया: सेवानिवृत आइएफएस सह प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा0 उमा शंकर सिंह का स्वागत महाविद्वयालय के प्राचार्य डा0 अमर सिंह सिंह ने पुस्ताकलय के पास काफी गर्मजोशी गुलदस्ता देकर किया। इसके बाद मुख्य अतिथि सह एलमुनाई डा0 उमा शंकर सिंह ने महाविद्वयालय के संस्थापक एम0 डी0 मदान के प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के साथ ही महाविद्वयालय के भगवान बिरसा मुंडा गार्डेन में पौधारोपण किया ।
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