Jamshedpur News:आदित्यपुर मेडिट्रिना हास्पीटल में डायलिसिस सुविधा अस्थाई रूप से बंद

आदित्यपुर मेडिट्रिना हास्पीटल में डायलिसिस सुविधा अस्थाई रूप से बंद,अचानक नोटिस से मरीज परेशान, सामर्थ्यवान विकल्प की तलाश में, आयुष्मान कार्ड धारक गरीब क्या करें? अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा-स्वास्थ्य सेवा अधिनियम का उल्लंघन

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Anni Amrita

अन्नी अमृता

आदित्यपुर.

जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर के मेडिट्रीना हॉस्पीटल में डायलिसिस सुविधा अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है जिसको लेकर मरीज परेशान हो गए हैं.हाॅस्पीटल के नोटिस के अनुसार नेफ्रोलाॅजिस्ट की अनुपलब्धता की वजह से 16जनवरी से अस्थाई रुप से डायलिसिस सुविधा बंद रहेगी. नेफ्रोलाॅजिस्ट के बिना डायलिसिस कराना प्रोटोकाॅल का उल्लंघन है इसलिए सावधानी बरतते हुए हाॅस्पिटल प्रबंधन ने यह नोटिस लगाया है.

लेकिन लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या नेफ्रोलाॅजिस्ट ने अचानक छोड़ दिया या तीन महीने का नोटिस दिया था?अगर नोटिस दिया था तब यह नोटिस उस वक्त क्यों नहीं लगाया गया? हालांकि इस संबंध में बिहार झारखंड न्यूज नेटवर्क की ओर से मेडिट्रिना हाॅस्पीटल के ऑपरेशन मैनेजर जिन्नत से संपर्क किया गया तो उन्होंने ये तो साफ साफ नहीं बताया कि डाॅक्टर(नेफ्रोलाॅजिस्ट) ने अचानक छोड़ा या तीन महीना पहले मगर आश्वस्त किया कि नया नेफ्रोलाॅजिस्ट खोजा जा रहा है, नियुक्ति होते ही डायलिसिस की सुविधा फिर से बहाल हो जाएगी.

उधर वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने मेडिट्रिन अस्पताल द्वारा नेफ्रोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति में अस्थाई रूप से डायलिसिस बंद करने के निर्णय को स्वास्थ्य सेवा अधिनियम का उल्लंघन बताया है.उन्होंने जिला उपायुक्त महोदय से निवेदन किया है कि संज्ञान लेकर प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें क्योंकि अस्पताल प्रबंधन को हर वक्त नेफ्रोलॉजिस्ट के लिए एक विकल्प रखना चाहिए क्योंकि डायलिसिस जीवन जीने के स्वास्थ्य प्रणाली का बहुमूल्य हिस्सा है.

 

उधर जो सामर्थ्यवान हैं वे दूसरे निजी अस्पतकलों या सेंटरों में विकल्प तलाश रहे हैं लेकिन आदित्यपुर की बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले आयुष्मान कार्डधारी गरीब ये सोचकर परेशान हैं कि वे क्या करें? उनके पास इतनी क्षमता नहीं कि वे जमशेदपुर जाकर वहां विकल्प तलाशें.जो सामर्थ्यवान हैं उन पर भी बोझ ही है क्योंकि जितनी दूरी बढेगी परेशानी बढ़ेगी.नाम न छापने की शर्त पर एक मरीज के परिजन ने कहा कि जमशेदपुर और आस पास के इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी चरमराई हुई है यह किसी से छुपा नहीं है.आज भी इस क्षेत्र के लोग गंभीर मामलों के लिए जमशेदपुर के टी एम एच और एमजीएम पर निर्भर हैं.एमजीएम की हालत किसी से छिपी नहीं है और टी एम एच का खर्च उठाना सबके बस की बात नहीं है.जहां तक डायलिसिस की बात है तो जमशेदपुर और आस पास आबादी और मरीजों की संख्या को देखते हुए डायलिसिस सेंटरों को बढाने की जरूरत है.

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