JAMSHEDPUR SUCCESS STORY :प्रगतिशील किसान रोमेन पाल के सफलता की
पारंपरिक खेती छोड़ पशुपालन, सब्जी की खेती को बनाया आमदनी का स्रोत*
जमशेदपुर।
रोमेन पाल का खेती से जुड़ाव बचपन से ही रहा है। खेतीहर परिवार होने के नाते अपने 4 एकड़ के पुश्तैनी जमीन में खेती करते हैं। मुसाबनी प्रखण्ड के सुरदा पंचायत अंतर्गत उपरबांधा गांव के प्रगतिशील किसान रोमेन पाल शिक्षित किसान हैं एवं आधुनिकतम तकनीक से खेती कर अपने परिवार का अच्छे तरीके से भरण-पोषण कर रहे हैं ।
इसे भी पढ़े :-Jamshedpur News:डेंगू पीड़ितों के सहायतार्थ दिनेश कुमार के आह्वाहन पर युवाओं ने किया रक्तदान, 24 यूनिट रक्त संग्रहित
कृषि विभाग के सहयोग से सिंचाई समस्या का पाया समाधान, लीज पर जमीन लेकर उगाते हैं सब्जी
सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण रोमेन पाल को सालों भर खेती करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। आत्मा के सहयोग एवं जिला कृषि विभाग द्वारा ड्रीप इरीगेशन सिस्टम का लाभ मिलने से सिंचाई का नियमित स्रोत उपल्बध हो गया । सिंचाई की सुविधा होने से अब रोमेन पाल ने अपने खेत के आस-पास दो एकड़ जमीन लीज पर लेकर गोभी, बैगन, भिंडी, सेम आदि सब्जियों का खेती कर रहे है ।
कृषि विभाग के सहयोग तथा रोमेन पाल ने स्वयं के प्रयास से पॉली हाउस का निर्माण किया जिसमें सब्जी की खेती के साथ-साथ नर्सरी भी तैयार किया है। आत्मा से जुड़े रहने और विभागीय योजनाओं के बारे में अपडेट जानकारी रखने के कारण रोमेन पाल कुसूम योजना के तहत सोलर आधारित सिंचाई सुविधा भी प्राप्त किया । सोलर सिस्टम लगने से सिंचाई का वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो गया। अब सालों भर सब्जियों की खेती करते है। खेती के अलावे रोमेन पाल गाय, बकरी एवं मुर्गीपालन भी करते हैं ।
इसी भी पढ़े :-Adityapur News :सहारा गार्डन सिटी दुर्गा पूजा विवाद : अभय सिंह कमेटी का दावा–उनको है बहुमत तो वे ही कराएंगे पूजा
किसानों के लिए प्रेरणा है रोमेन पाल की कहानी
रोमेन बताते हैं कि स्थानीय घाटशिला के बाजार एवं आस-पास लगने वाले सप्ताहिक हाटों में सब्जियों का व्यापार कर रोमेन पाल सालाना अच्छी आमदनी कर रहे हैं। खेती कार्य के प्रति निष्ठा और लगन एवं कृषि विभाग अंतर्गत योजनाओं से मिलने वाले लाभ के सहयोग से रोमेन खेती के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गए हैं । रोमेन पाल वैसे किसानों के लिए प्रेरणा हैं जो जानकारी के अभाव में अच्छा नहीं कर पा रहे। कृषि विभाग द्वारा किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, योजना का लाभ तथा उन्नत बीज भी दिया जाता है, जरूरत है कि जिले के अन्य किसान भी जागरूक होते हुए सीधा विभागीय पदाधिकारी या कार्यालय से संपर्क कर योजना का लाभ लें और खेती किसानी की नई तकनीक को समझते हुए खेती करें तथा अपनी आय बढ़ायें।
Comments are closed.