Kolhan News:चाईबासा में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, एक दारोगा और हवलदार शहीद

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चाईबासा।
झारखण्ड में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में झारखण्ड जगुआर के दो जवान शहीद हो गए हैं। यह मुठभेड़ सोमवार की देर शाम करीब 7 बजे टोंटो थाना अंतर्गत तुमबाहाका और सरजमबुरू के रास्ते में होने की बात कही जा रही है।

सूचना मिली कि मुठभेड़ के बाद पांच जवानों के लापता होने की बात भी सामने आ रही थी, मगर मुठभेड़ खत्म होने के बाद देर रात में करीब 12:00 बजे तीन जवान सुरक्षित बरामद कर लिए गए। जबकि झारखण्ड जगुआर के दो जवान मृत पाए गए।इनमें से एक झारखण्ड जगुआर के एसआई हैं और दूसरे सिपाही हैं। शहीद जवान का नाम अमित तिवारी, सब इंस्पेक्टर (2012 बैच) और गौतम कुमार, हवलदार है।एसआई को मुठभेड़ में सात-आठ गोली लगी है, जबकि सिपाही को दो से तीन गोलियां लगी हैं। दोनों शहीद जवानों के शव चॉपर के माध्यम से राँची ले जाने की तैयारी चल रही है।

नक्सलियों के हमले मव शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी पलामू के रहने वाले थे। 3 दिन पूर्व ही उनके बेटे का जन्म हुआ था. अभियान खत्म कर अमित तिवारी घर लौटने वाले थे, ताकि अपने बेटे को देख सकें।लेकिन नक्सलियों के द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए।अमित तिवारी के परिवार का अधिकांश सदस्य पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। वहीं सूचना मिल रही है कि शहीद हुए हवलदार गौतम कुमार को भी अपने पिता के मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी।

मिली जानकारी के अनुसार, टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका से लेकर सरजमबुरु तक रास्ता क्लियर करने के लिए सीआरपीएफ और झारखण्ड जगुवार की टीमों की तैनाती इलाके में की गई है।सोमवार को यह टीम में रास्ता क्लियर करने का काम कर रही थी। इसी क्रम में रात करीब 7 बजे पहले से घात लगाकर बैठे एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

गोलीबारी के बाद जवान अपने आप को बचाने के लिए जंगलों की आड़ में छुप गए। कुछ जवानों ने भी अपनी पोजीशन लेते हुए जवाबी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली मुठभेड़ के बाद नक्सली मौके से भाग निकले। इस बीच 5 जवान नहीं मिल रहे थे। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था।देर रात सीआरपीएफ के अन्य कैंप से अतिरिक्त फोर्स मुठभेड़ स्थल भेजी गई। इसके बाद रात में ही पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के दौरान झारखण्ड जगुआर के दो जवानों का शव जंगल में बरामद हुआ। तीन जवान सुरक्षित मिल गए।

मालूम हो कि 11 अगस्त को इसी इलाके में एक करोड़ की इनामी नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक जवान सुशांत कुमार बलिदान हो गए थे। इसके साथ ही पुलिस ने इस इलाके में नक्सलियों के 11 बंकर ध्वस्त कर दिए थे।

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