जमशेदपुर।
14 जुलाई को संगीत-कला के क्षेत्र में अनेकों शिष्यों को पहचान दिलाने वाले तथा आत्मनिर्भर बनाने वाले महान संगीत गुरु श्री त्रिलोचन सिंह तराना जी के सभी शिष्यों ने मिलकर सांगीतिक जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया। पहले चरणों में श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में पूजन अर्चन के बाद तबला के महान गुरु दयानाथ उपाध्याय द्वारा गुरु जी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया फिर लेखिका एवं समाजसेवी श्रीमती विभा मिश्रा द्वारा फूलों का गुलदस्ता एवं सम्मान पत्र देकर गुरु जी को सम्मानित किया फिर केक काटकर जन्मोत्सव मनाया गया।
दूसरे चरण में गुरु जी के सभी प्रतिष्ठित शिष्यों ने भजनों की प्रस्तुति के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।सबसे पहले गुरु जी के प्रिय मित्र कवि शिरोमणि श्री माधव पांडे निर्मल जी, सूजन चटर्जी, सनातन दीप, अनिल सिंह मनमोहन सिंह, बीरेन्द्र उपाध्याय,रिंकी मल्लिक, प्रेमा डे, रामकिंकर उपाध्याय, साधन महतो,सुरिंदर कौर एवं सोमी चौधरी ने अपनी प्रस्तुति दी। तबला संगत पर अमिताभ सेन, सनत सरकार, बप्पा दा एवं अनुज चौधरी थे। बांसुरी संगत पर श्री अशोक दास सिंथेसाइजर पर ललित पंडित तथा ऑक्टोपैड पर विश्वजीत साहा ने मधुर संगत दिया। इस कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे जिनमें मिहिर बनर्जी समीर घोष,अनिरुद्ध सेन,संतोष झा,हारा प्रसाद, मुखर्जी,अल्का सेन,स्वरुप मोइत्रा,आदि मौजूद थे। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं मंच संचालन की जिम्मेवारी श्री वीरेंद्र उपाध्याय एवं श्रीमती विभा मिश्रा ने बखूबी निभाया। गुरुजी के संगीतमयी जन्मोत्सव कार्यक्रम में देर रात तक संगीत प्रेमी श्रोता डुबकी लगाते रहे। कार्यक्रम के समापन में बीरेन्द्र उपाध्याय ने गुरु जी द्वारा स्वर- बद्ध एवं अखाड़ा के संस्थापक स्वर्गीय आर डी द्विवेदी बाबा के प्रिय भजन को गाकर पूरा वातावरण भक्ति-मय बना दिया।विगत 5 वर्षों से संगीत कला के संवर्धन हेतु पूरे तन, मन, धन से किए गए कार्य एवं सहयोग के लिए श्रीमती विभा मिश्रा एवं श्री सुभाष बोस जी को गुरु जी द्वारा सम्मान पत्र प्रदान कर आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री लल्लन द्विवेदी,सुधीर मिश्रा,ब्रिज किशोर पांडे,राजेश ठाकुर, नीलकांत, शंकर, सुमित,एवं गणेश का सराहनीय योगदान रहा।
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