Jamshedpur News:छह महीने में ही फिर बिजली के दाम बढाने के टाटा के प्रस्ताव का जनसुनवाई में पुरजोर विरोध

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अन्नी अमृता

जमशेदपुर..

जमशेदपुर के शहरी क्षेत्रों, सरायकेला, आदित्यपुर में टाटा की बिजली की दर की बढोतरी के प्रस्ताव को लेकर आज जमशेदपुर के चैंबर भवन और आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर में जनसुनवाई संपन्न हुई.चैंंबर भवन में जनसुनवाई के दौरान छह महीने के भीतर ही एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ाए जाने का ज्यादातर उपस्थित लोगों ने विरोध किया.मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने टाटा स्टील यूआई सीएल (पूर्व में जुस्को) की ओर से सिक्योरिटी मनी के डिपोजिट करवाने को नियम के विरुद्ध बताया और आयोग से कहा कि बार बार सिक्योरिटी मनी लेने का क्या औचित्य? जवाहरलाल शर्मा ने आयोग से बिजली के दाम न बढाएं जाने की अपील करते हुए आयोग का ध्यान टाटा लीज समझौते की तरफ आकृष्ट करते हुए बताया कि समझौते के अनुसार पूरे जमशेदपुर के लोगों को सब्सिडाईज रेट पर बिजली पानी और नागरिक सुविधाएं देनी हैं.यहां सब्सिडाईज रेट की जगह छह महीने के भीतर ही फिर से दाम बढाने के प्रस्ताव दे दिए गए हैं.

जनसुनवाई में मौजूद फिल्म मेकर सौरभ विष्णु ने आयोग से कहा कि जमशेदपुर में टाटा की सत्ता चलती है और आज भी यहां सबको बिजली पानी की सुविधा नहीं है.सौरभ ने भी लीज शर्तों का उल्लेख करते हुए इस बात की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया कि कैसे एक तरफ यहां टाटा स्टील नगर निगम नहीं बनने दे रही है और दूसरी तरफ लीज शर्तों के मुताबिक पूरे जमशेदपुर को नागरिक सुविधाएं न देकर चुनिंदा इलाकों में ही इसे उपलब्ध करवा रही है.अब टाटा स्टील कर्मचारियों की संख्या भी लाख से घटकर 11हजार हो गई है.

जनसुनवाई में सिंहभूम चैंबर ऑफ काॅमर्स के पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोन्थालिया, चैंबर के उपाध्यक्ष महेश सोंथालिया, मुन्ना अग्रवाल समेत कई लोगों ने बिजली की बढी हुई प्रस्तावित दरों का पुरजोर विरोध किया.वहीं जनसुनवाई में कुछ लोगों ने टाटा के प्रस्ताव का समर्थन किया.

जनसुनवाई में मौजूद सी ए अशोक कुमार बेयानी ने आंकडों के जरिए आयोग के सामने तथ्य रखा कि क्यों दाम बढाना गलत होगा.पत्रकार अन्नी अमृता ने आयोग से गुजारिश की कि वे जनहित में ऐसे फैसले करें कि ये जनसुनवाई महज खानापूर्ति न बनें.

जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता के नेतृत्व में विद्युत नियामक आयोग कीत्रिसदस्यीय टीम ने जनसुनवाई की.जनसुनवाई के अंत में आयोग ने कहा कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर जो बेहतर होगा फैसला करेंगे.टाटा लीज के संबंध में कहा कि यह एक अलग मामला है और आयोग की सीमाएं बंधी हुई हैं.

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