JAMSHEDPUR NEWS:यंग इंडियंस द्वारा योग दिवस पर जमशेदपुर में सात स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन
योग एक दिन का नहीं, हर दिन का है : उमंग अग्रवाल
जमशेदपुर: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बुधवार को यंग इंडियंस द्वारा जमशेदपुर में सात स्थानों पर सामूहिक योग का आयोजन किया गया. इनमे छह मस्ती की पाठशाला एवं आरका जैन यूनिवर्सिटी शामिल है. इस दौरान 780 मस्ती की पाठशाला के बच्चों और आरका जैन यूनिवर्सिटी के 150 छात्रों ने भाग लिया. ईशा फाउंडेशन की टीम ने ऑनलाइन इस योगाभ्यास का नेतृत्व किया. योगाभ्यास के अंत में बच्चों ने ‘हां मैंने योग को अपने जीवन में शामिल कर लिया हैÓ की प्रतिज्ञा भी ली.
हर दिन के लिए योग : उमंग
यंग इंडियंस जमशेदपुर चैप्टर के हेल्थ वर्टिकल के चेयर उमंग अग्रवाल ने कहा कि योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम और सुदृढ़ करता है. उन्होंने कहा कि योग एक दिन का ही नहीं बल्कि हर दिन का है. योग जीरो बजट वाला हेल्थ इंश्योरेंस है.यह वसुधैव कुटुंबकम् की हमारी सांस्कृतिक सोच को परिलक्षित करता है.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उन्होंने इस वर्ष की थीम वसुधैव कुटुंबकम् के लिए योग को, इस वर्ष भारत की मेजबानी में आयोजित किए जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के अनुकूल बताते हुए कहा कि यह अवसर विश्व बंधुत्व का संदेश देता है.
युवाओं को योग से जोडऩा फोकस : प्रतीक
21 जून के महत्व को रेखांकित करते हुए यंग इंडियंस जमशेदपुर चैप्टर के चेयर प्रतीक अग्रवाल ने कहा कि सूर्य से निकटतम होने के कारण, विश्व के बड़े हिस्से में आज वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है. उन्होंने कहा कि आज अनेक लोग योग को अपना कैरियर बना रहे हैं. भारतीयों की खासियत है कि हम स्किल को तुरंत ही सीख लेते हैं. संस्था की फोकस युवाओ को योग से जोडऩा है. योगाभ्यास समारोह के अवसर पर यंग इंडियंस के अंकित कांवटिया, प्रांतिक कुमार, ऋषभ मेहता, विवेक देबुका,साक्षी गुप्ता,भाविन गांधी, श्रुति झुनझुनवाला,पुलकित झुनझुनवाला आदि मौजूद थे.
स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण
27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में प्रधानमंत्री ने योग की जो अवधारणा विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत की थी कि योग हमारी पुरातन पारंपरिक अमूल्य देन है, योग मन व शरीर, विचार व कर्म, संयम व उपलब्धि की एकात्मता तथा मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है. वह स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है, यह अवधारणा उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को इतने कम समय में ही, विश्व समुदाय के 193 सदस्य देशों के समर्थन से फलीभूत हुई, जब संयुक्त राष्ट्र ने प्रति वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्वीकार किया.
हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, पहला सुख निरोगी काया
योग इसे सार्थक करता है… योग स्वस्थ जीवन की कुंजी है.
Comments are closed.