Entertainment:आदिपुरुष मूूवी क्यों बन गई विवादपुुरुष, मनोज मुंतशिर आपसे ऐसे टपोरी संवाद की उम्मीद न थी

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बेबाक

अन्नी अमृता..

कहा जाता है कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री इतनी हाई प्रोफेशनल है कि इमोशन को भुनाना और इससे कमाना तो यह जानती ही है साथ ही विवाद पैदा करके एक आध हफ्ते में ही फिल्म बनाने का पैसा वसूल करने का आइडिया अपनाने में भी उसका कोई सानी नहीं..अब तो ये ट्रेंड ही हो गया है कि जितने विवाद उतना ही बडा हिट, क्योंकि कोई फिल्म जैसे ही विवादों के घेरे में आ जाती है लोगों की उसमें दिलचस्पी काफी बढ जाती है और रिलीज के एक दो हफ्ते में ही यह इतना कमा लेती है कि फिल्म को मुनाफा हो जाता है.शुरुआत में शो हाउसफुल होने के बाद धीरे धीरे जब फिल्म अपने मेरिट पर देखी जाती है तब हाउसफुल क्या आधा हाॅल भी नहीं भर पाता..मगर तब तक निर्माता निर्देशक अपने फिल्म की लागत वसूल कर उससे एक कदम आगे मुनाफे तक पहुंच चुके होते हैं.

 

‘आदिपुरुष’ कहानी रामायण की और मनोज मुंतशिर के संवाद टपोरी-मामला कोर्ट में
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कपड़ा तेरे बाप का
तेल तेरे बाप का
आग तेरे बाप की
और जलेगी भी तेरे बाप की….

ये किसी मुंबईया फिल्म का टपोरी संवाद नहीं है बल्कि रामायण पर आधारित नई फिल्म ‘आदिपुरुष’ में हनुमान के कैरेक्टर का संवाद है.यही वजह है कि इस हफ्ते शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘आदिपुरुष’ के रिलीज होने के साथ ही इससे जुडा विवाद और बढ गया है.रिलीज के पहले से ही विवाद में घिरी यह फिल्म अब अपने सतही और टपोरी टाईप संवादों को लेकर और भी ज्यादा विवादों में घिर गई है.साथ ही रामायण के किरदारों को गलत तरीके से पेश कर हिंदु समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के भी आरोप लग रहे हैं.

मामला पहुंचा दिल्ली हाई कोर्ट
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हिंदु सेना ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में पी आई एल(जनहित याचिका) दायर की है.याचिका में फिल्म के पब्लिक एक्जीबिशन पर रोक लगाने की मांग की गई है.याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में धार्मिक चरित्रों और अन्य चीजों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है.बता दें कि ‘रामायण’ महाकाव्य पर बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ में प्रभास राम के रोल में, कृति सैनन सीता के रोल में और सैफ अली रावण के रोल में हैं.हालांकि फिल्म में राम को राघव, सीता को जानकी और रावण को लंकेश कहा गया है.

जमशेदपुर के दर्शकों की प्रतिक्रिया, हनुमान के संवाद से लोग खासे नाराज
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फिल्म को लेकर देश के बाकी हिस्सों की तरह जमशेदपुर में भी काफी दिलचस्पी है जिस वजह से यहां मल्टीप्लेक्सों में शो हाउसफुल चल रहे हैं.लेकिन फिल्म देखने के बाद बाहर आए दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली जुली है.कुछ लोगों को इसमें दिखाए स्पेशल इफेक्ट्स पसंद आए और थ्रीडी चश्मे के माध्यम से देखकर उनलोगों ने भरपूर मनोरंजन किया.वहीं एक बडा तबका फिल्म के संवादों खासकर हनुमान के संवादों से खासे नाराज हैं.एक दर्शक ने कहा कि विश्वास नहीं होता कि मनोज मुंतशिर रामायण के किरदारों के लिए ऐसी टपोरी भाषा का इस्तेमाल करेंगे.वहीं लोगों को राम के रुप में प्रभास का और सीता के रुप में कृति सैनन का अभिनय औसत लगा.रावण के रुप में सैफ अली के गेट अप को भी लोगों ने खास पसंद नहीं किया. संवाद और कुछ सीन्स लोगों को पचे नहीं.लोगों का कहना है कि हनुमान(फिल्म में बजरंग) के पात्र को मसखरा जैसा दिखाना अखर गया.रावण(फिल्म में लंकेश) का सांप से मसाज लेना और मसाज शब्द का इस्तेमाल अजीबोगरीब लगा.रावण के बेटे इन्द्रजीत का कहना-चल निकल ले–यह भी लोगों को रास नहीं आया.

कुछ लोगों ने खुलकर कहा कि जानबूझकर कई जगहों टपोरी संवाद डाले गए ताकि विवाद हो और फिल्म हिट हो जाए..पैसा वसूल हो जाए फिर आगे अगर फिल्म पर रोक लग भी जाए तो निर्माता को क्या हानि होगी?लेकिन लोगों ने सवाल उठाया कि जिस रामायण के प्रति इतनी श्रद्धा है उसके पात्रों को लेकर ऐसे सतही संवादों वाली फिल्म बनाना उचित है?

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