पूर्वी भारत रिटायरमेंट की तैयारियों में अव्‍वल, 10 में से 7 प्रतिभागियों ने रिटायर्ड जीवन के प्रति सकारात्‍मक रुझान प्रदर्शित किए, मैक्‍स लाइफ स्‍टडी से हुआ खुलासा

रिटायरमेंट इंडैक्‍स 51 दर्ज, वित्‍तीय और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी तैयारियां 56 तथा 46 दर्ज। भावनात्‍मक तैयारियों का सूचकांक 61

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रांची: मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (“मैक्स लाइफ”/ “कंपनी”) ने कांतार के साथ मिलकर “इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी” (IRIS) का दूसरा संस्करण लॉन्च किया। इस सर्वे में सेहतमंद, स्थिर और वित्तीय तौर पर स्वतंत्र सेवानिवृत्त जीवन जीने को लेकर शहरी भारत की तैयारियों का विश्लेषण किया गया है। कंपनी द्वारा अपने स्‍तर पर करवायी गई डिजिटल स्टडी में, 28 शहरों में रहने वाले 3,220 लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया। इन शहरों में 6 मेट्रो, 12 टियर 1 और 10 टियर 2 शहर शामिल हैं।

51 रिटायरमेंट इंडैक्‍स (0 से 100 तक के स्‍केल पर) के साथ पूर्वी भारत रिटायरमेंट प्‍लानिंग में अव्‍वल है, जबकि पश्चिमी भारत 46 के साथ दूसरे, दक्षिण भारत 43 के साथ तीसरे और उत्‍तर भारत 41 के साथ अंतिम स्‍थान पर है। पूर्वी भारत की भावनात्‍मक तैयारी 61 है जो दर्शाता है कि यहां लोग रिटायरमेंट के दौरान अपने परिजनों, दोस्‍तों तथा सामाजिक सहयोग पर अधिकाधिक निर्भर हैं। वित्‍तीय तथा स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी तैयारी क्रमश: 56 और 46 है।

वी विश्‍वानंद, डिप्‍टी मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने कहा, “हमारे रिटायरमेंट संबंधी अध्‍ययन के दूसरे एडिशन से यह स्‍पष्‍ट है कि ज्‍यादातर प्रतिभागी रिटायरमेंट के प्रति उत्‍साहित जरूर हैं, लेकिन सुखद रिटायर्ड जिंदगी के लिए वित्‍तीय, भावनात्‍मक और स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर पर उनकी कोई खास तैयारी नहीं है। हालांकि पूर्वी भारत ने काफी अच्‍छी शुरुआत की है और अधिकांश ने रिटायरमेंट के लिए निवेश करना शुरू भी कर दिया है, लेकिन अब भी 22% आबादी को लगता है कि उनकी बचत रिटायर्ड जीवन के 5 वर्षों के अंदर खत्‍म हो जाएगी। यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम उन्‍हें शीघ्र वित्‍तीय प्‍लानिंग के महत्‍व के बारे में बाएं जिससे हमारे ग्राहकों की दीर्घकलिक सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित हो सके।”

रिटायरमेंट के प्रति दृष्टिकोण:

इस अध्‍ययन के अनुसार, पूर्वी भारत रिटायरमेंट को लेकर सबसे अधिक सकारात्‍मक है और यहां 72% इसे इस रूप में देखते हैं कि वे ‘अपने परिवार का अधिक ध्‍यान रख सकते हैं’, ‘तनावमुक्‍त जीवन’ बिता सकते हैं तथा यह भी कि अब उनके पास “लग्ज़री/यात्रा की बेहतर संभावनाएं” हैं। इससे उलट, 27 फीसदी सेवानिवृत्ति को नकारात्मक भावनाओं से जोड़कर देखते हैं। इनमें 6% का कहना है कि वे “संभवत: बहुत फिट और सेहतमंद नहीं रह पाएंगे”, 5% को डर है कि शायद उनके पास “पर्याप्त मात्रा में वित्तीय संसाधन नहीं होंगे।”
इसके बावजूद, जब बात रिटायरमेंट संबंधी योजनाओं की होती है तो ‘इमोशनल सपोर्ट’ प्राथमिकता में काफी नीचे रह जाता है – केवल 14% मानते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद इमोशनल सपोर्ट महत्‍वपूर्ण होता है जबकि 49% हैल्‍थ और 37% फाइनेंस को सबसे ज़रूरी मानते हैं।

काफी संख्‍या में लोगों ने रिटायरमेंट के लिए निवेश करना शुरू कर दिया है:

IRIS 2.0 से यह सामने आया है कि पूर्वी भारत में 71% प्रतिभागियों ने रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू कर दिया है। सच तो यह है कि सर्वे में शामिल 50 वर्ष से अधिक उम्र के 79% प्रतिभागियों को यह अफसोस है कि उन्‍होंने रिटायरमेंट के लिए निवेश हेतु जल्‍दी शुरुआत नहीं की।
वित्‍तीय उत्‍पादों में निवेश के प्रमुख कारणों में, ‘रिटायरमेंट जीवन के लिए बचत’ (33%) सर्वोपरि है, जबकि दूसरे स्‍थान पर ‘निकट भविष्‍य में निवेश से अच्‍छा मुनाफा’ (32%) तथा जीवनसाथी के लिए वित्‍तीय सुरक्षा (28%) तीसरे स्‍थान पर है। इस क्षेत्र में 29% की तुलना में 37% का मानना है कि 35 साल से कम उम्र से ही रिटायरमेंट के लिए वित्‍तीय प्‍लानिंग शुरू कर देनी चाहिए।
अधिकांश इस बात को लेकर आशावान कि वे तंदुरुस्‍त रिटायर्ड लाइफ जिएंगे, हैल्‍थ और वैलनेस को लेकर सजग
क्षेत्र में 44% को उम्‍मीद है कि वे रिटायरमेंट के वर्षों में भी स्‍वस्‍थ बने रहेंगे, 47% नियमित तौर पर फिटनैस गतिविधि में भाग लेते हैं जो कि सर्वे के पहले एडिशन में दर्ज 35% के मुकाबले बढ़ोतरी है। एक अन्‍य सकारात्‍मक रुझान यह भी सामने आया है कि 53% के मुकाबले 65% प्रतिभागी हैल्‍थ चेकअप करवाते हैं – महामारी के मद्देनज़र यह स्‍वास्‍थ्‍य जांच के महत्‍व को रेखांकित करता है।

बच्‍चों पर निर्भरत जारी, काफी कम संख्‍या में लोग रिटायरमेंट के दौरान वित्‍तीय आत्‍मनिर्भरता को महत्‍व देते हैं:

एकल परिवारों का चलन बढ़ने के बावजूद, सेवानिविृत्ति की योजनाओं में परिवारों पर निर्भरता अधिक बनी हुई है। पूर्वी भारत में, 54% यानी आधे से ज़्यादा भारतीय सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ रहना पसंद करते हैं। साथ ही, 24% रिटायरमेंट जीवन के दौरान अपने अकेलेपन को लेकर भी चिंतित हैं। केवल 34% का मानना है कि वे अपने रिटायरमेंट के वर्षों में वित्‍तीय रूप से आत्‍मनिर्भर होंगे, जो कि IRIS 1.0 के मुकाबले 6% कमी है।
रिटायरमेंट के वर्षों के दौरान भारतीयों को वित्तीय सुरक्षा दिलाने के लिए मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने अगस्त में मैक्स लाइफ पेंशन फंड मैनेजमेंट लिमिटेड की शुरुआत करने की घोषणा की थी। पेंशन फंड मैनेजमेंट सहायक कंपनी की शुरुआत करना सेवानिवृत्ति के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी बनने की मैक्स लाइफ की वृद्धि रणनीति के तहत् इस दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, जीवन बीमा कंपनी की योजना एन्युटी और रिटायरमेंट केंद्रित अन्य प्रोडक्‍ट्स पेश करने की भी है, ताकि इन क्षेत्रों में मौजूद अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी के बारे में:
इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की ओर से किया जाने वाला सालाना रिटायरमेंट अध्ययन है। इस सर्वे का उद्देश्य सेवानिवृत्ति को लेकर शहरी भारत की तैयारी को समझना है जिसमें सेवानिवृत्ति के दौरान और इसकी योजना बनाते हुए ग्राहकों की जागरूकता, उनकी आकांक्षाएं और इससे जुड़ी चुनौतियां शामिल हैं। इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स वह स्तर है जिससे 0 से लेकर 100 तक के स्केल पर आने वाले कल की सेवानिवृत्ति के जीवन को लेकर भारतीयों की तैयारी को मापा जाता है। यह इस पर आधारित होता है कि सेवानिवृत्ति के बाद के सेहतमंद, शांतिपूर्ण और वित्तीय रूप से स्वतंत्र जीवन के लिए भारत कितना तैयार है।

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