Jamshedpur Entertainment News : तुलसी भवन में बेटर अर्थ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 14 फिल्मों का प्रदर्शन

स्वतंत्र आवाज समाज की जरूरत : प्रभात शर्मा

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जमशेदपुर । सामाजिक संस्था युवा एवं स्वतंत्र फिल्मकारों के संगठन फिल्म ओ कहानी प्रोडक्शन के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी भवन बिष्टुपुर में वेटर अर्थ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया । जिसमें 14 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का प्रदर्शन किया गया ।फिल्म फेस्टिवल में 25 देशों से 40 से भी ज्यादा फिल्में प्रविष्टि के लिए आई थी , जिसमें चुनी हुई 14 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया ।सभी फिल्में महिलाओं के मुद्दे एवं धरती को बचाने के लिए प्रकृति पर आधारित फिल्में थी।
बेटर अर्थ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन टाटा स्टील कारपोरेट कम्यूनिकेशन के हेड प्रभात शर्मा ने पौधे में पानी डालकर किया। इस अवसर पर प्रभात शर्मा ने कहा कि आज समाज में , मीडिया में स्वतंत्र आवाज की जरूरत है ।इस तरह के आयोजन से लोगों को मंच मिलता है।प्रयास भले ही छोटे हैं पर इसका प्रभाव काफी ज्यादा होता है ।महिलाओं की वर्तमान स्थिति के कारण ही हमारे देश का जीडीपी ज्यादा नहीं है। समाज में महिलाओं को स्वतंत्र निर्णय का अधिकार होना चाहिए ।ओपनिंग में युवा की आदिवासी कार्यकर्ताओं द्वारा निर्मित फिल्म से किया गया । इस दौरान रिलायंस के बी विजय मूर्ति युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ,युवा के संस्थापक अरविंद तिवारी ,कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार, नीता बोस चंद्रकला मुंडा फिल्म ओ कहानी प्रोडक्शन के देव गोपाल मंडल , अनिर्बन, कृष्णेन्दु घोष ,सुभोजित नस्कर, समाजसेवी दिलीप पोद्दार महेंद्र सिंह यादव, विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
साल में 4 दिन होगा फेस्टिवल
फिल्म ओ कहानी के देव गोपाल मंडल ने बताया कि बेटर अर्थ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल दुनिया के स्वतंत्र फिल्मकारों का बनाया हुआ मंच है। इसके तहत साल में चार अलग-अलग दिनों में फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा ।फेस्टिवल के अंत में कारवां इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का पोस्टर भी जारी किया गया।


युवा ने महिला उद्यमियों को किया सम्मानित
महिलाओं के हक के लिए काम करने वाली संस्था युवा ने शहर की वैसी 33 महिला उद्यमियों को सम्मानित किया , जो आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार एवं समाज के लिए आर्थिक योगदान दे रही हैं। इनमें से कई एकल महिला होते हुए भी अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया है। इन के संघर्षों को पहचान देने के लिए महिलाओं को सम्मानित किया गया । चरणजीत कौर ,अंजना , सोनाली चक्रवर्ती ,रत्ना पात्रा, अर्पिता सरकार, जया दास ,नंदिता चक्रवर्ती, डोलन सेनगुप्ता, सोमाली आदक ,सुकृति समल, मौसमी कुमार ,मधुमिता बनर्जी रत्ना दत्ता ,साथी मित्रा , अर्पिता रॉय, पौलमी मजूमदार, सुमी दास पाॅल, संदीपा दत्ता, रूपा दत्ता, नीता घोष ,सर्मिष्ठा नाग ,रूबी नंदी ,अनन्या सरकार ,श्वेता विश्वास, अरुणिमा झा , मिताली झा, निशा, सुपर्णा बनर्जी संजना चटर्जी ,सोनाली चक्रवर्ती आदि को सम्मानित किया गया ।

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