नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के घर जाने के लिए 107 साल के बाद चली थी दुसरी ट्रेन वह है बंद
अभी मात्र एक पैसेंजर चला करती हैं
रेल समाचार।
ओड़िसा का मयुरभंज जिला का गुमनामी के अंधेरा में रहने वाला रायरंगपुर आज विश्व के मानचित्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई रायरंगपुर के बारे मे जानने के जानना चाहता है। आखिर रायरंगपुर एका एक विश्व क मानचित्र में चर्चा का विषय क्यो बना।
दरअसल भारत के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू रायरंगपुर से आती है। रायरंगपुर आने जाने के लिए सड़क मार्ग के साथ साथ रेल मार्ग भी साधन है। लेकिन रायरंगपुर रेलमार्ग से अगर जाना है तो मात्र एक ट्रेन टाटा – बादामपहाड़ मेमू चलती है। जो टाटानगर से सुबह खुलती है.और वही ट्रेन दोपहर में टाटानगर लौट कर आती है। इसके अलावे कोई ट्रेन नही चलती है। हालाकि 107 साल के बाद यहां से वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंड़ी दिखाकर दुसरी ट्रेन की शुरुआत जरुर की थी। लेकिन कोरोना काल में सभी ट्रेनों के साथ इस ट्रेन को भी बंद किया गया था । सभी ट्रेनों का लगभग पारिचालन सामान्य तो हो गया।लेकिन इस मार्ग पर सिर्फ एक ट्रेन वो भी स्पेशल बन कर चल रही है।
टाटा -बदामपहाड़ -ट्रेन मेमू पैसेंजर
अभी भी इस मार्ग पर चलने वाली मेमू ट्रेन स्पेशल बन कर चल रही है। गाड़ी संख्या 08131/08132 टाटा -बादामपहाड़ -टाटा मेमू स्पेशल चल रही है। जो सुबह 6.00 टाटानगर से खुलती है.जो 6 स्टेशन से होते हुए सुबह 9.23 मिनट में रायरंगपुर पहुंचती है। उसके बाद वहां से वह ट्रेन बादामपहाड़ निकलती है।वापसी के क्रम में यह ट्रेन दिन 11.11 मिनट में रायरंगपुर आती है। दो मिनट रुकने के बाद टाटानगर के लिए प्रस्थान कर जाती है।यह ट्रेन टाटानगर से दोपहर 2.40 मिनट में पहुंचती हैं।यहां से इसी ट्रेन के रैक को टाटा -गुवा पैसेंजर बनाकर चलाया जाता हैं।
कोविड काल के पहले चलती थी दो लोकल
कोरोना काल के पहले दो लोकल ट्रेन चला करती थी। लेकिन कोविड काल के खत्म होने के बाद ट्रेनों के परिचालन समान्य हो गए है। लेकिन सिर्फ एक ही ट्रेन टाटा -बदामपहाड़ लोकल स्पेशल बन कर चल रही है।प्रधानमंत्री ने ऑनलाईन एक कार्यक्रम के तहत टाटा -बादामपहाड़ डेमू पैसेजर ट्रेन का झंडा दिखाकर रवाना किया था। लेकिन वह भी कोरोना काल में जो बंद है अभी तक शुरु नही हुआ है।
हाल ही मे हुआ है इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है यह लाइन
टाटा-बादामपहाड़ रेलखंड पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होते ही रेलवे ने इस रेलखंड पर बिजली से ट्रेनों का परिचालन शुरू करा दिया गया है।ऐसी बात नहीं है कि टाटा -बादामपहाड़ रेल लाइन का निर्माण नया हुआ है। यह रेल लाइन 100 वर्ष पुराना है। और पहले कोयला इंजन से इस ट्रेन चला करती थी। फिर कई वर्षो से डीजल इंजन के सहारे इस मार्ग पर ट्रेन चला करती थी। लेकिन 13 अप्रैल 2022 से इस मार्ग को बिजली इंजन के सहारे यात्री ट्रेन चला कर रही है। पहले इस मार्ग में टाटा -बादामपहाड़ डेमू पैसेजर चला करती थी।हम इसका रैक मेमू में परिवर्तित कर दिया गया है।
ओड़िसा के झारखंड को जोड़ती है यह मार्ग
यह मार्ग ओड़ीसा के मयुरभंज और झारखंड के टाटानगर को जोड़ती है। यहां से ओड़िसा की राजधानी भूवनेश्वर की दुरी करीब चार सौ किलोमीटर है । जबकि जमशेदपुर से बादामपहाड़ की दुरी 80-90 किलोमीटर होने के कारण स्थानिय लोग आर्थिक दष्टिकोण से जमशेदपुर- टाटानगर पर अधिक निर्भर करते हैं। यही नही जमशेदपुर और इसके आस -पास क्षेत्रों मे काफी संख्या में कंपनी होने के कारण काफी संख्या में लोग यहां काम करने आते हैं। बसों के भाड़े ज्यादा होने के कारण सभी लोग इस ट्रेन पर निर्भर रहते है। टाटा -बादामपहाड़ के बीच पड़ने वाले सभी स्टेशन छोटे छोटे है. कहा जाए यह ट्रेन पूरी तरह ग्रामीण परिवेश होकर गुजरती है।
लोकसभा में उठा था मुद्दा
सासद विद्युतवरण महतो ने 2017 में टाटानगर-बादामपहाड़ रेलमार्ग पर डबल लाइन करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। इससे 2019 में दक्षिण पूर्व रेलवे जोन ने सर्वे कराया था। वहीं, मार्च 2021 में झारखंड की तत्कालिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने चक्रधरपुर मंडल प्रबंधक विजय कुमार साहू के समक्ष टाटा-बादामपहाड़ डबल लाइन का प्रस्ताव रखा था।
टाटा-बादाम पहाड़ दुसरे डेमू पैसेंजर ट्रेन का PM मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5जनवरी 2019 को झारखंड के टाटानगर से बादाम पहाड़ के बीच डेमू सवारी ट्रेन का वीडियो लिंक के जरिये को उदघाटन किया था। मोदी ने ओडिशा के बारीपदा से वीडियो लिंक के जरिए ट्रेन संख्या 78029/ 78030 टाटानगर-बादामपहाड़ डेमू सवारी गाड़ी का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। वहीं झारखंड की तत्कालिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उस वक्त टाटानगर रेलवे स्टेशन से हल्दीपोखर तक की यात्रा इस ट्रेन से की थी। फिलहाल यह ट्रेन बंद है।
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