CHAIBASA NEWS:डॉ.पॉल स्ट्रूमर हो आदिवासी संस्कृति व परंपरा जानने व मसकल लाइब्रेरी का अवलोकन सदर प्रखंड के कमारहातु पहुंचे

137

चाईबासा:-नीदरलैंड निवासी इतिहासकार व जनजातीय जीवन शैली पर शोध कार्य कर रहे डॉ.पॉल स्ट्रूमर हो आदिवासी संस्कृति व परंपरा जानने व मसकल लाइब्रेरी का अवलोकन सदर प्रखंड के कमारहातु पहुंचे। डॉ. पॉल कमारहातु में चल रहे सामाजिक गतिविधियों जैसे:-मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह,स्पोर्ट्स,गरीब बच्चों का निःशुल्क कोचिंग आदि की जानकारी ली।इसकी जानकारी उन्हें बीएड विद्यार्थी दीपिका देवगम ने दिया। डॉ.पॉल ने कहा कि कमारहातु अच्छे लोग और अच्छे विद्यार्थियों का निवास स्थान है।यह स्थिति जीवन भर‌ बरकरार रहे।
इस दौरान विद्यार्थियों ने सवाल किया विश्व के कई देशों में जनजातीय समुदाय निवास करते हैं।हो आदिवासियों में क्या खास है कि इसके बारे में शोध कार्य कर रहे हैं।इसपर डॉ. पॉल ने कहा कि वह हो आदिवासियों के बारे में कई अच्छी बातें सुन रखा था। इसके लिए झारखंड आया। लेकिन अन्य आदिवासी वर्ग हो आदिवासियों के बारे में विशेष बात बताने से परहेज करते रहे। इससे मेरी हो आदिवासियों के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ती गई। उन्होंने बताया कि हो आदिवासी की खूबी सरलता, ईमानदारी, भावनात्मक और अन्याय के विरुद्ध लड़ने की जज्बा बेमिसाल है। इनके अलौकिक गुणों का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। चूंकि यह अन्य समुदाय के लिए प्रेरणादायी है।
डॉ. पॉल बताया कि ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध हो आदिवासियों को एकजुट करने वाले पोटो हो के बारे में शोध कार्य जारी है। इसके बारे में बहुत सारी जानकारियां हासिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि हो आदिवासियों के मानकी-मुंडा व्यवस्था लागू करवाने में पोटो हो का पराक्रम का भी बड़ा हाथ है।
इससे पूर्व डॉ.पॉल के कमारहातु आगमन पर ज्योति महिला समूह के महिलाओं द्वारा नवनिर्वाचित मुखिया जुलियाना देवगम के अगुवाई में हल्दी व तुलसी जल पैर व हाथ धुलाया गया और माला व बुके देकर स्वागत किया गया। मसकल लाइब्रेरी तक पारंपरिक नगाड़े-मांदल की थाप पर नृत्य करते हुए अगुवाई किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. पॉल स्ट्रूमर का अंग्रेजी में व्यक्त किए गए विचारों एवं ग्रामीण द्वारा किए सवाल का हिंदी,अंग्रेजी व हो अनुवाद संत जेवियर्स गर्ल्स इंटर कालेज की अंग्रेजी प्रोफेसर मीनू कोड़ा ने किया।
मौके पर जनजातीय कला व संस्कृति पर कार्य कर रही जुलियानी बलमुचु कोड़ा ने प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। जिसमें शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष संदेश दिया गया था। वहीं ज्योति महिला समूह ने जानकी देवगम की अगुवाई में मेहमान के आदर में एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। जिसमें संदेश था कि डॉ. पॉल के कमारहातु आगमन पर मानो फूलों की खिल गई।इस दौरान डॉ. पॉल ने हो समुदाय का सामाजिक पेयजल डियंग पिया और,पोटोम जिलु, कुरथि लुपु आदि पारंपरिक व्यंजन का स्वाद चखा‌।इस दौरान उन्होंने हो नृत्य का लुत्फ उठाया।
मौके पर मुंडा बिरसा देवगम सोमय देवगम,मुखिया जुलियाना देवगम,सामु देवगम,सुरजा देवगम,कृष्णा देवगम,रांदो देवगम, भीम सिंह देवगम, नारायण देवगम,जयश्री तियू, राउतु सिंकू,निस्तर देवगम,अमन देवगम,मधुसुदन देवगम, दीनबंधु देवगम,मोटाय देवगम, रमेश देवगम, मरियम सिंकू, सरिता देवगम, शिमलन देवगम,बालेमा देवगम, सुमित्रा देवगम,कृष्णा पाड़ेया,लक्ष्मण देवगम,कल्पना देवगम,नम्रता देवगम, संगीता देवगम, ललिता देवगम,शिलवंती देवगम,लीना देवगम,सेलेस्टिना देवगम, सरीना देवगम आदि उपस्थित थे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More