World Environment Day : निशुल्क बांट चुके हैं डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे,लोग कहते है पेड़ -पौधे वाले दादा, जानिए उस शख्स को

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 RABI KUMAR JHA
RABI KUMAR JHA

जमशेदपुर । हमारे शास्त्र एक वृक्ष को दस पुत्रों के समान बताते हैं।अगर  वृक्ष है तो जीवन है। मगर इंसान इस हकीकत को जानकार भी अपने स्वार्थ में की भाषा समझने को तैयार नहीं हैं, लगातार उन पर आरी चला रहा है। यही वजह है कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मगर झारखंड जैसे छोटे राज्य के औधोगिक नगरी जमशेदपुर  के सोनारी के रहने वाले सुनील आनंन्द एक ऐसे पर्यावरण प्रेमी भी हैं, जो पेड़ पौधों को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं।सुनील आनंन्द ने अभी तक इस दिशा में करीब डेढ लाख से ज्यादा पौधे निशुल्क बांट चुके हैं। यही नही सुनील आनंन्द लोगो को पौधे देने के बाद उनसे इसे बचाने के लिए संकल्प भी दिलाते हैं।वो हर रविवार को यह इसके लिए कैंप भी लगाते है और इस कैंप के माध्यम से वह लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास करते हैं। इस कार्य में उनके परिवार के लोग भी सहयोग करते हैं।

डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे  बांट चुके हैं पौधें
सुनील ने अभी तक डेढ़ लाख से ज्यादा पौधें बांट चुके हैं। यही नहीं वे हर माह एक बार रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं। और इसे रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाले लोगों को औषधि पौधा देकर सम्मानित करते है। पौधा के प्रति लोगों को जागरूक भी करते हैं। यही नहीं इस कारण लोग उन्हे पेड़-पौधा वाले दादा के नाम से जानते है। सुनील आनंद मार्ग से जुड़े हुए भी हैं।

पौधा के प्रति लोगों को करते हैं जागरूक
इस सबंध में सुनील आनंन्द ने बताया कि आज से कई साल पहले वे वन विभाग के नर्सरी गए थे। वहां उन्होंने देखा था कि कई छोटे-छोटे पौधे सूख गए हैं।उसके बाद वहां उन्हें जानकारी हुई कि यह पौधा को वो भी अपने घर में लगा सकते है। इसके बाद उन्होंने सोचा क्यों ना यहां से पौधा ले जाकर बांटा जाए। जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा। जिसके बाद यह कारवां जो शुरू हुआ वो आज तक चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि हर रविवार को वह शहर को कुछ जगहों पर जाकर निशुल्क पौधा बांटते हैं।  बकायदा इसके लिए वे सोशल मिडिया के माध्यम से लोगों को पौधो की जानकारी देते हैं ताकि जो पौधा ले जाने वाले लोग विशेषता को जान सके।

JAMSHEDPUR NEWS : आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए 3,500 पौधे

जुन  में सप्ताह तक चलाया अभियान

उन्होनें बताया की इस माह  पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में सात दिवसीय पर्यावरण सप्ताह पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए पृथ्वी बचाओ सप्ताह मना कर अभी तक 4000 पौधों का वितरण किया गया। उन्होंने कहा है कि सोनारी कबीर मंदिर के पास एवं गदरा आनंद मार्ग जागृति में प्रत्येक दिन सुबह 8बजे से 10 बजे तक बांटे गए पौधे बांटे गए। उन्होंने कहा है कि  आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका हैं।

पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा

उन्होंने बताया कि  कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ,नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए , मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव हो पाएगा।

 

फल , फुल और औषधी के बांटते हैं पौधें

उनके द्रारा हर रविवार को लगाए जाने वाले शिविर में फल दार एवं औषधीय उपयोग वाले पौधों का वितरण किया जाता है। उनमे  आम, आंवला ,कटहल ,हर्रे, बहेरा, शीशम ,नीम ,महानीम सीता अशोक, अशोक ,सिंदूर, अनार, अमरूद ,जामुन ,करंज पीपल अन्य तरह के छोटे पौधे भी रहते है। यही नही कभी कभी तो कुछ ऐसे पौधे की मांग होती है जो उनके पास नहीं होते है हैं तब सुनील आनंन्द पौधे लेने वाले व्यक्ति से समय लेकर फिर खोज उस पौधे को उपलब्ध कराते हैं।

अलग-अलग इलाकों से आते हैं पौधे लेने
लोगों को जरूरत पड़ने पर इनके घर पर आकर पेड़ ले जाते हैं। शहर के अलग-अलग इलाके से लोग इनसे पेड़ लेने आते हैं और यहा पेड़ लेने वाले लोग सुनील की जमकर तारीफ करते हैं।  लोगों का कहना कि आज के समय वह भी निशुल्क पेड़-पौधा को बांटना सही में एक जिम्मेदारी वाली बात है और यह उनका पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखलाता है।

 

 

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