पटना।
बुधवार (24 जुलाई) को पश्चिम चम्पारण जिले में गौनाहा प्रखंड अंतर्गत पण्डई नदी में अचानक तेजी से पानी बढ़ने के कारण 06 स्थानीय किसान बाढ़ के पानी में फँस गए। डॉ० नीलेश रामचन्द्र देवरे, जिलाधिकारी पश्चिम चम्पारण ने इसकी सूचना जिले में तैनात 9वी वाहिनी एन०डी०आर०एफ० टीम कमाण्डर निरीक्षक राजन कुमार को दिया। सूचना प्राप्त होते ही श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट, 9वी वाहिनी एन०डी०आर०एफ० के निर्देश पर त्वरित कार्यवाही करते हुए निरीक्षक राजन कुमार के नेतृत्व में एक सब-टीम घटनास्थल पर पहुँची। एन०डी०आर०एफ० के बचावकर्मियों ने अपनी व्यावसायिक कार्यकुशलता तथा कर्तव्यनिष्ठा का उत्कृष्ट मिशाल पेश करते हुए पण्डई नदी बाढ़ के पानी में फँसे सभी 06 स्थानीय किसानों को रेस्क्यू बोट की मदद से सुरक्षित निकाला। साथ ही, बचावकर्मियों ने किसानों के 35 भैंसों को भी बाढ़ के पानी से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद किया। सुरक्षित निकाले गये किसानों की पहचान- सुरेश प्रसाद यादव, रमेश यादव, नरेश यादव, नागेश्वर यादव, जगदीश यादव तथा लाल बहादुर यादव के रुप में की गई जो कि गौनाहा प्रखण्ड अन्तर्गत श्रीरामपुर गाँव के निवासी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी स्थानीय किसान बुधवार को सुबह अपनी मवेशी को चराने के लिए गए थे। उस समय नदी का पानी कम था। लेकिन देखते ही देखते पण्डई नदी विकराल रूप धारण कर ली और इस प्रकार सभी 06 किसान फँस गए। नदी के तीव्र धारा को देखकर सभी भयाक्रांत होकर बचाने का गुहार जोर-जोर से लगाने लगे। तत्पश्चात उन्हें बचाने का यह मुहिम शुरू हुआ। जिलाधिकारी पश्चिम चम्पारण ने एन०डी०आर०एफ० के बचावकर्मियों द्वारा किये गए इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा किया।
श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट, 9वी वाहिनी एन०डी०आर०एफ० ने बताया कि वर्तमान में एन०डी०आर०एफ० की कुल 19 टीमें बिहार में बाढ़-बचाव में तैनात है। बुधवार को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के माँग पर बाढ़ के खतरे के मद्देनजर एन०डी०आर०एफ० की एक टीम को कटिहार से गोपालगंज तथा एक टीम को सीतामढ़ी से पश्चिम चम्पारण जिला में स्थानांतरित कर तैनात किया गया है। वर्तमान में एन०डी०आर०एफ० की 03 टीमें दरभंगा में, 02-02 टीमें क्रमशः सीतामढ़ी, कटिहार, अररिया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज तथा पश्चिम चम्पारण जिला में टाटा 01-01 टीम क्रमशः मोतिहारी तथा सुपौल में मुस्तैदी से तैनात है। सभी टीम कमाण्डर सम्बंधित जिला प्रशासन से लगातार मिलाप में हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरन्त प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद किया जा सके।
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