हजारीबाग। हजारीबाग व्यवहार न्यायालय परिसर में उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब मंगलवार सुबह 10.35 बजे अचानक परिसर में गोलियां चलनी शुरू हो गयी।न्यायालय परिसर में दिन दहाड़े हुए इस गैंग वार में कुख्यात अपराधी सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों की मौत हो गयी, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गये। इस गैंग वार में एके-47 जैसे घातक हथियार का इस्तेमाल किया गया।लिस ने घटनास्थल से एक एके-47, दो मैंगजिन, एक बोलेरो और स्मोक ग्रेनेड जब्त किये है।

जानकारी के अनुसार आपराधियों ने लगभग 20 राउंट गोलियां चलायी। जबकि पुलिस की ओर से भी 14-15 राउंट गोली चलाये जाने की सूचना है। पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार झा ने बताया कि भागते हुए एक अपराधी को पुलिस की गोली लगी है। अपराधियों के धरपकड़ के लिए जिले की सीमा सील कर दी गयी है।
जानकारी के अनुसार रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में हुई हत्या के एक मामले में सुशील श्रीवास्तव को पेशी में न्यायालय में लाया गया था। इसी दौरान भोला पांडेय गिरोह के तीन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया। गोली लगने से सुशील श्रीवास्तव और उनके दो सहयोगियों कमाल खान और ग्यास खान, पुलिस कर्मी देवेन्द्र पासवान और रामगढ़ समाहरणालय का कर्मचारी जोलेन सोरेन घायल हो गये। सभी घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां कमाल खान ने दम तोड़ दिया, वही बेहतर इलाज के लिए रिम्स, रांची ले जाते समय सुशील श्रीवास्तव की मौत रास्ते में हो गयी। उसके एक सहयोगी ग्यास खान की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी। सूत्रों ने बताया कि अपराधी सुशील श्रीवास्तव के गिरोह और भोला पांडेय के बीच दबरदस्त तनाव पिछले छह महीने से चल रहा था। करीब छह माह पूर्व सुशील श्रीवास्तव के लोगों ने भोला पांडेय के सहयोगी किशोर पांडेय की जमशेदपुर में हत्या कर दी थी। उसी के बाद से भोला पांडेय गिरोह के लोग सुशील श्रीवास्तव पर हमले की ताक में लगे हुए थे। बताया गया कि न्यायालय परिसर में सुशील श्रीवास्तव पर हमला करनेवाले लोगों में विकास तिवारी शामिल था। घटना के बाद उपायुक्त, डीआइजी, जिला जज सहित अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। घटना ने न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। न्यायालय परिसार में गोली चलाने और बम फेंकने की घटनाएं पहले भी हो चुकी है।